नई दिल्ली। देश के लोगों को उनका हक और अधिकार दिलाने के मकसद से साल 2012 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) का उदय हुआ था। कुछ इसी तर्ज पर दलितों और पिछड़े वर्ग को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए अब एक और राजनीतिक पार्टी बहुजन आजाद पार्टी (BAP) का उदय होने वाला है। खड़गपुर और दिल्ली IIT से पासआउट हो चुके 50 छात्रों ने नौकरी छोड़ बहुजन आजाद पार्टी (BAP) के नाम से एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया है।
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साल 2015 में IIT दिल्ली से पासआउट नवीन कुमार इस पार्टी के मुखिया हैं। उनका कहना है कि बहुजन आजाद पार्टी के ज्यादातर सदस्य एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय से हैं और उनकी पार्टी से जुड़े हुए 50 सदस्य IIT से पासआउट हैं। उनका ये भी कहना है कि बीजेपी, कांग्रेस या अन्य राजनीतिक पार्टियां दलितों और पिछड़े वर्गों का उत्थान कभी नहीं कर सकती हैं और इसीलिए उन्होंने अपने कदम राजनीति की तरफ बढ़ाए हैं।
नवीन कुमार का कहना है कि उनकी पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया जा चुका है, अब अब चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार है। उन्होंने कहा कि हम लोग पिछड़े वर्ग से आते हैं और पिछड़े वर्ग की कौन-कौन सी समस्याएं हैं, उनको हम बेहतर ढंग से समझते हैं। यही वजह है कि हम पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों के लिए कुछ अच्छा काम करना चाहते हैं।
बिहार से होगी BAP की चुनावी शुरुआत
नवीन कुमार ने बताया कि उनकी पार्टी बिहार में 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करेगी। इसके बाद बहुजन आजाद पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी हाथ आजमाएगी। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि हम अपनी पार्टी को उच्च महत्वाकांक्षा वाला छोटा राजनीतिक दल बनाना नहीं चाहते हैं। इसीलिए हमने 2020 में बिहार विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया है।
क्या हैं BAP के प्रमुख मुद्दे
- जनसंख्या के अनुपात में बहुजनों (SC/ST और OBC) को निजीक्षेत्रों, उच्च न्यायालयों और पदोन्नति में आरक्षण
- सभी क्षेत्रों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण (कैटेगरी वाइज)
- भूमि सुधार
- शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सुधार, पर्यावरण और सामाजिक न्याय प्रणाली में व्यापक सुधार। प्रत्येक नागरिकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञानार्जन की भावना का विकास।
- निजीक्षेत्रों में तथाकथित उच्चजाति को आर्थिक आधार पर विशेष अवसर।