नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मोदी अर्थशास्त्र के लिए तारीफो के पुल बांधे हैं और तो और इसके लिए पीएम मोदी को थम्स अप भी किया। ऐसा में माना जा रहा है कि यह देश के लिए एक बेहद अच्छी खबर है।
तारीफ में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि भारत की विकास दर अगले दो सालों में 7.7 फीसदी के पार पहुंच सकती है। वैसे आईएमएफ ने ये भी कहा कि विश्व के अन्य देशों के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोत्तरी की संभावना है।
आईएमएफ ने जताया भारत से पीछे रहेगा चीन
आईएमएफ ने चीन और भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना करते हुए कहा कि “अगर दो साल और एनडीए सरकार सत्ता में रहती है तो फिर चीन काफी पीछे रह सकता है।” आईएमएफ का अनुमान है कि चीन की अर्थव्यवस्था के लिए दोनों सालों में विकास दर 6.2 फीसदी रह सकता है।
अच्छी बात- चीन भारत से 28 साल बाद हुआ पीछे
जीडीपी के मामले में भारत ने 28 साल बाद वो कर दिखाया जो काफी समय से देश को इंतजार था। पड़ोसी देश चीन को 28 साल बाद अर्थव्यवस्था के मामले में बड़ी मात दे दी है।
ये रहा पूरा हिसाब
- चीन की विकास दर दिसंबर में खत्म हुई तीसरी तिमाही में 6 फीसदी की रफ्तार पकड़ी।
- वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी दर घटकर 1 फीसदी रही।
- पहली तिमाही में भारत की जीडीपी दर 2 फीसदी थी।
- इस हिसाब से भारत की जीडीपी दर में 1 फीसदी की कमी देखी।
तेल की कीमतें भी अच्छी अर्थव्यवस्था की बन सकती हैं वजह
2019 में कच्चे तेल की कीमतों में कमी रहने और महंगाई न होने की वजह से अर्थव्यवस्था को लाभ मिल सकती है। आईएमएफ की इस रिपोर्ट को दावोस में हो रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक से पहले ही जारी कर दिया गया।
भारत के मुकाबले अमेरिका, यूरोप भी रहेंगे पीछे
आईएमएफ का मानना है कि जहां भारत की जीडीपी तेजी से बढ़ेगी तो दूसरी तरफ अमेरिका और यूरोप के तमाम देशों में जीडीपी की रफ्तार धीमी होती जाएगी और होने की वजह ये दिखायी देती है कि ब्याज दरों में कमी, बैंकों में नकदी की तरलता, रुपये में मजबूती और महंगाई में कमी आना। आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ का इस बारे में कहना है कि “व्यापार युद्ध से अन्य देशों पर भी असर पड़ेगा और अगर यह जारी रहा तो फिर इसके बुरे प्रभाव भविष्य में देखने को मिल सकते हैं।”
जानिए- भारतीय रिजर्व बैंक का क्या है अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस वित्त वर्ष के लिए विकास दर का 7.5 फीसदी रहने के अनुमान के साथ ही इस बारे में अपनी रिपोर्ट भी जारी की है। आरबीआई का अनुमान है कि विकास दर 7.5 से 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। रॉयटर्स पोल में भी विशेषज्ञों ने पॉजिटिव अनुमान नहीं लगाया है। जिसके मुताबिक पहली तिमाही के मुकाबले गिरावट के अनुमान लगाये गए थे।