नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक के हजारों करोड़ रुपये के कर्ज घोटाले के प्रमुख आरोपियों में शामिल मेहुल चौकसी पर शिकंजा कसता दिख रहा है। भारत ने एंटीगुआ और बरबूडा के प्रशासन से आरोपी मेहुल चौकसी को हिरासत में लेने की बात कही है।
भारत ने एंटीगुआ सरकार से कहा गया है कि चौकसी की उनके क्षेत्र में मौजूदगी की पुष्टि की जाये। साथ ही उसे हिरासत में भी लिया जाये। उसे जमीन, वायु या समुद्री मार्ग से कहीं आने जाने नहीं दिया जाए। सोमवार को मिली जानकारी के मुताबिक भारत को चौकसी के इस कैरिबियाई द्वीप समूह में मौजूद होने की सूचना मिली है। इस सूचना के बाद ही भारत सरकार की तरफ से ये कदम उठाया गया है।
बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में भारत एंटीगुआ के संपर्क में है। वहां के अधिकारियों से लगातार बातचीत की जा रही है। भारत ने वहां की सरकार से अनुरोध किया है कि उसे देश के किसी भी थल, जल या वायु मार्ग से बाहर न जाने दिया जाये। जॉर्जटाउन के उच्चायोग ने एंटीगुआ और बरबूडा सरकार को लिखित और मौखिक रूप से अलर्ट किया गया है।
पिछले सप्ताह चौकसी ने दावा किया था कि उसने अपने कारोबार के विस्तार के लिए पिछले साल एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। ऐसा इस वजह से कि कैरिबियाई देश के पासपोर्ट से 132 देशों में बिना वीजा यात्रा की जा सकती है। कहा जा रहा है कि उच्चायुक्त एंटीगुआ और बरबूडा सरकार में संबंधित अधिकारियों से मिल रहे हैं। हम भारत सरकार और एंटीगुआ और बरबूडा सरकार की संबंधित एजेंसियों के जरिये इस मामले को आगे बढ़ाएंगे।
आपको बता दें कि पिछले दिनों एंटीगुआ के एक अखबार की खबर के मुताबिक वहां की सरकार ने संकेत दिया था कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी को भारत वापस भेजने के ‘वैध अनुरोध’ पर विचार कर सकता है। अखबार में इस बात की भी जानकारी दी गयी कि चौकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है।