नई दिल्ली : हिमा दास ने एक बार फिर देश को उनके ऊपर गर्व करने का मौका दिया है। दरअसल, एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट हिमा दास को यूनीसेफ इंडिया की युवा एंबेसडर बनाया गया। बुधवार को हिमा दास ने ये उपलब्धि अपने नाम कर ली। इसके बाद हिमा के कंधों पर कई जिम्मेदारिया भी आ जाएंगी।
हिमा बच्चों के अधिकारों और जरूरतों के बारे में जागरुकता बढ़ाने, बच्चों और युवाओं की आवाज को बुलंद करने में अपनी पूरी भागिदारी देंगी और समाज के विकास में अपना भरपूर योगदान देंगी। बता दें कि नाडा एंटी डोपिंग कंपनी ने उन्हें भविष्य में अच्छे प्रदर्शन के लिए डोपिंग के लिए प्रमोट भी किया है। दरअसल, नाडा एक नॉर्मल प्रैक्टिस, इसमे खिलाड़ी की आरटीपी की जांच करती है जिसमें एथलीट को उसके पॉवर, एंडूयरेंस और एथलीट के मेडल लाने की क्षमता को आंका जाता है। जो कुश्ती, मुक्केबाजी में भाग लेता हैं वह हाई रिस्क आरटीपी में रखा जाता हैं।
नाडा ने इस बारे में बताया कि “हर इंटरनेशनल स्पोर्टस फेडरेशन अपना आरटीपी तैयार करता हैं, जिसमें जेवलिन प्लेयर नीरज चोपड़ा नाडा की आरटीपी लिस्ट में हैं और जल्द ही हिमा दास भी इसमें शामिल हो जाएंगी।”
हिमा दास की उपलब्धिया
हिमा दास ने जुलाई 2018 में फिनलैंड में आयोजित आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया। हिमा ने महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा दिया। था। हिमा ने राटिना स्टेडियम में हुए फाइनल में 51.46 सेकेंड का समय लगा कर प्रतियोगिता जीता था और सोना भी।
हाल ही में जकार्ता एशियाई खेलों में हिमा ने खेलों के 12वें दिन महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा में हिस्सा लिया। हिमा ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। हिमा दास, पूवम्मा राजू, सरिताबेन गायकवाड़ और विसमाया वेलुवाकोरोथ की जोड़ी ने तीन मिनट 28.72 सेकेंड का समय निकालकर भारत की झोली में दिन का दूसरा स्वर्ण जीता था।