Asim Munir US Visit: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति प्रेम कुछ ज्यादा ही खुलकर सामने आ रहा है। एक तरफ जहां वह भारत पर टैरिफ मिसाइलें दाग रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अमेरिका का दौरा करने जा रहे हैं। यह दौरा पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में और गहरी घनिष्ठता का संकेत देता है, खासकर तब जब ट्रंप का भारत से तनाव बढ़ चुका है। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में बदलाव? (Asim Munir US Visit)
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर दो महीने में दूसरी बार अमेरिका का दौरा करने जा रहे हैं। उनकी यात्रा अमेरिका के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह में भाग लेने के लिए है। इस यात्रा से यह साफ संकेत मिलता है कि पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते पहले से कहीं अधिक मजबूत हो रहे हैं। खासकर, जब से ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है और पाकिस्तान से व्यापार बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
पाकिस्तान के डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल मुनीर ने अमेरिका से अपनी यात्रा की योजना बनाई है, जो पाकिस्तान और अमेरिका के बढ़ते संबंधों को दर्शाता है। खास बात यह है कि ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौतों में नए बदलाव किए हैं, जिनमें पाकिस्तान पर सिर्फ 19 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात की गई है और इसके साथ-साथ अमेरिका के तेल भंडार की योजना भी बनाई जा रही है।
18 जून को व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ लंच
जनरल असीम मुनीर और ट्रंप की मुलाकात 18 जून को हुई थी, जब दोनों ने व्हाइट हाउस में लंच किया था। यह पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को बिना किसी अन्य नागरिक अधिकारी के व्हाइट हाउस में मेज़बानी दी थी। इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि मुनीर से मिलना उनके लिए सम्मान की बात थी। इस मुलाकात के कुछ ही हफ्तों बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था, और भारत ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब दिया था।
यह मुलाकात उस वक्त हुई थी जब पाकिस्तान के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। पाकिस्तान द्वारा आतंकियों का समर्थन किए जाने के बाद भारत ने अपनी सेना के जरिए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया। इस दौरान ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ लंच कर रहे थे, जबकि पूरी दुनिया पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर आलोचना कर रही थी।
अमेरिका के साथ पाकिस्तान की रणनीति और ट्रंप का बयान
इस मुलाकात के बाद, ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना के साथ अपनी उम्मीदों का इज़हार किया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को कम करने में अहम भूमिका निभाई है और इसके लिए वह जनरल मुनीर का धन्यवाद करते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह युद्ध को टालने के लिए जनरल मुनीर के प्रयासों को सराहते हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को शांत किया, जो एक तरह से झूठ था।
ट्रंप का पाकिस्तान के साथ यह संबंध और उनकी बयानबाजी इस बात को साफ करती है कि उनका पाकिस्तान के प्रति रवैया भारत के प्रति उनके दृष्टिकोण से अलग है। पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था, और ट्रंप इस बात से खुश थे, क्योंकि इससे उनका वैश्विक प्रभाव बढ़ा था।
भारत के लिए क्या है इसका मतलब?
भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, खासकर व्यापार और रणनीतिक मुद्दों पर। ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और पाकिस्तान के साथ उनके रिश्ते भारत के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं। वहीं, पाकिस्तान की आर्मी के अमेरिका के साथ बढ़ते संबंध भारत के समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं।