Bangladesh News: बांग्लादेश में राजनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर तनाव बढ़ता जा रहा है। मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापारिक और सरकारी क्षेत्रों में विरोध जारी है, जिससे देश की स्थिति बेहद अस्थिर बनी हुई है। राजधानी ढाका समेत कई जगहों पर अनिश्चितता की भावना छाई हुई है, और लोग भविष्य को लेकर चिंता में हैं।
और पढ़ें: Elon Musk Leaving Politics: एलन मस्क का अमेरिका सरकार में राजनीतिक सफर, सत्ता से बिजनेस की ओर वापसी
व्यापारियों का आक्रोश और बेरोजगारी का खतरा- Bangladesh News
बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन (BTMA) के अध्यक्ष शौकत अजीज रसेल ने व्यापार समुदाय की चिंताएं व्यक्त की हैं। रसेल ने कहा है कि वर्तमान हालात में व्यापारियों को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बुद्धिजीवियों पर हुए अत्याचार जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने देश में अकाल जैसी आपदा का खतरा जताया है, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाया है।
रसेल ने बताया कि ईद-उल-अजहा से पहले श्रमिकों को बोनस और वेतन देने के लिए भी संसाधनों का अभाव है। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि निवेशकों को बुलाने की बात तो होती है, लेकिन विदेशी निवेशक वियतनाम जैसे अन्य देशों को ज्यादा लाभकारी मानते हैं।
सरकारी कर्मचारियों का विरोध और काम बंदी
राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, सरकारी क्षेत्र भी अस्थिरता की चपेट में है। रविवार को बांग्लादेश सचिवालय में सरकारी कर्मचारी लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे प्रस्तावित सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, जिसे वे दंडात्मक और कर्मचारियों के अधिकारों के खिलाफ मानते हैं।
साथ ही, राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (एनबीआर) के अधिकारी भी नए अध्यादेश को रद्द करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। उन्होंने सोमवार से आयात-निर्यात गतिविधियों को अनिश्चितकाल के लिए रोकने की चेतावनी दी है, जिससे देश के व्यापारिक कारोबार पर भारी असर पड़ने की संभावना है।
सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भी अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं, जिसमें प्रारंभिक वेतन को राष्ट्रीय वेतनमान के 11वें ग्रेड के बराबर करने की मांग शामिल है।
मोहम्मद यूनुस की मुश्किलें और युद्ध जैसी स्थिति का बयान
अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में देश की राजनीतिक स्थिति को ‘युद्ध जैसी’ बताया है। उन्होंने कहा है कि अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगने के बाद से देश में अस्थिरता और संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है।
उनके मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, “देश के अंदर और बाहर युद्ध जैसी स्थिति बन गई है, जिससे हम अपने विकास के रास्ते पर नहीं बढ़ पा रहे हैं। सब कुछ ध्वस्त हो गया है और हम फिर से गुलामी के दौर में लौट रहे हैं।”
यूनुस ने राजधानी ढाका के जमुना राजकीय अतिथि गृह में राजनीतिक दलों और संगठनों के लगभग 20 नेताओं से मुलाकात की। ये बैठकें ऐसे समय में हुईं जब यह खबरें आ रही थीं कि वे पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं।
चुनाव की नई समयसीमा और सैन्य मतभेद
पूर्व में मोहम्मद यूनुस ने दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने छह महीने और समय की मांग की है। उनका कहना है कि चुनाव दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच होंगे और वे जून 30, 2026 के बाद पद पर नहीं रहेंगे।
इस बीच, बांग्लादेश की सेना ने चुनाव जल्दी कराने की मांग की है। सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ मिलकर दिसंबर 2025 तक चुनाव करवाने का दबाव बनाया है ताकि निर्वाचित सरकार समय पर सत्ता संभाल सके। सेना और सरकार के बीच म्यांमार के रखाइन राज्य में प्रस्तावित गलियारे को लेकर भी मतभेद हैं।