BlackRock Loan Fraud: भारत के भगोड़े उद्योगपतियों नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह अब अमेरिका में भी एक बड़ा लोन फ्रॉड केस सामने आया है। इस बार आरोप है भारतीय मूल के उद्योगपति बंकिम ब्रह्मभट्ट पर, जिन पर लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,000 करोड़ रुपये) का लोन घोटाला करने का गंभीर आरोप लगा है। यह खुलासा प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की दिग्गज इन्वेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक (BlackRock) की प्राइवेट क्रेडिट शाखा एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स (HPS Investment Partners) और कई अन्य अमेरिकी ऋणदाताओं ने दावा किया है कि वे इस “बड़ी धोखाधड़ी” के शिकार हुए हैं। अब ये सभी संस्थान अदालत के जरिए अपनी रकम की वसूली की कोशिश कर रहे हैं।
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कैसे रचा गया 500 मिलियन डॉलर का खेल- BlackRock Loan Fraud
बंकिम ब्रह्मभट्ट अमेरिका स्थित ब्रॉडबैंड टेलिकॉम और ब्रिजवॉयस नाम की कंपनियों के मालिक हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने व्यापारिक खातों में फर्जी ग्राहकों और नकली इनवॉइस दिखाकर करोड़ों डॉलर के लोन हासिल किए। इन फर्जी आंकड़ों को उन्होंने लोन कोलैटरल (गिरवी संपत्ति) के तौर पर इस्तेमाल किया, जिससे बैंकों और इन्वेस्टमेंट फर्मों को लगा कि उनके पास मजबूत क्लाइंट बेस है।
🚨$500 Million BlackRock Fraud: Indian Bizman at Centre!
Indian-origin businessman Bankim Brahmbhatt, head of Bankai Group is accused of a $500 million loan fraud that’s rocked BlackRock’s private credit arm
His firms Broadband Telecom & Bridgevoice allegedly faked invoices and… pic.twitter.com/fjHfqV7UFf
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) November 1, 2025
रिपोर्ट बताती है कि ब्रह्मभट्ट ने फर्जी ग्राहक अकाउंट्स और वेबसाइट्स तैयार करवाईं और उसी के आधार पर लोन की राशि हासिल की। बाद में ये रकम भारत और मॉरिशस जैसे देशों में ट्रांसफर की गई।
ब्लैकरॉक समेत कई कंपनियां फंसीं
ब्लैकरॉक और उसके साझेदार बैंकों ने अगस्त 2025 में अदालत में मुकदमा दायर किया। उनका कहना है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर अब भी 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा की बकाया राशि है। उसी महीने, यानी 12 अगस्त 2025, ब्रह्मभट्ट ने खुद को दिवालिया (Bankrupt) घोषित कर दिया और उनकी कंपनियों ने Chapter 11 के तहत पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी।
फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबास (BNP Paribas) ने भी इस लोन का लगभग आधा हिस्सा फाइनेंस किया था। जानकारी के अनुसार, एचपीएस ने सितंबर 2020 में पहली बार लोन दिया था और अगस्त 2024 तक इसकी कुल राशि बढ़कर 430 मिलियन डॉलर हो गई थी।
ऑडिट और ईमेल से खुली पोल
मामले का खुलासा तब हुआ जब एचपीएस के एक कर्मचारी को कुछ संदिग्ध ईमेल आईडी मिलीं, जो कथित तौर पर ग्राहकों से जुड़ी थीं। जांच में पता चला कि ये ईमेल फर्जी डोमेन से बनाए गए थे, जो असली टेलीकॉम कंपनियों की नकल कर रहे थे। जब यह जानकारी ब्रह्मभट्ट को दी गई, तो उन्होंने इसे पहले “सामान्य गलती” बताया, लेकिन बाद में उन्होंने फोन कॉल्स का जवाब देना बंद कर दिया।
बाद में ऑडिट फर्म CBIZ और डेलॉयट की रिपोर्ट में भी कई वित्तीय गड़बड़ियां सामने आईं। जब एचपीएस के अधिकारी न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी ऑफिस पहुंचे, तो वहां ऑफिस बंद मिला और स्टाफ महीनों से गायब था।
30 साल पुराना बिजनेस, अब विवादों में
बंकिम ब्रह्मभट्ट Bankai Group के संस्थापक हैं और 30 सालों से टेलीकॉम इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं। उनकी कंपनी दुनिया भर में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क सर्विसेज देती है। लेकिन अब यह पूरी प्रतिष्ठा सवालों के घेरे में है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धोखाधड़ी के खुलासे के बाद ब्रह्मभट्ट ने अपना LinkedIn प्रोफाइल डिलीट कर दिया है। फिलहाल यह मामला अमेरिकी अदालत में विचाराधीन है और जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि लोन की रकम कहां और कैसे ट्रांसफर की गई।
नीरव मोदी से लेकर बंकिम ब्रह्मभट्ट तक – एक जैसी कहानी
बंकिम ब्रह्मभट्ट का मामला भारत में हुए नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे हाई-प्रोफाइल लोन घोटालों की याद दिलाता है। फर्क बस इतना है कि इस बार ठगी का मैदान भारत नहीं बल्कि अमेरिका की धरती बनी है।
जहां कभी उन्होंने दुनिया के टेलीकॉम सेक्टर में अपनी जगह बनाई थी, वहीं अब बंकिम ब्रह्मभट्ट का नाम एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय धोखाधड़ी के रूप में दर्ज हो रहा है।
