Chinese Weapons Against India: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तान द्वारा चीन निर्मित हथियारों के इस्तेमाल को लेकर जब चीनी सेना से प्रतिक्रिया मांगी गई तो चीन ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने गुरुवार को कहा कि इस विषय पर उनकी तरफ से कोई बयान नहीं दिया जाएगा। उन्होंने भारत के उस दावे को भी नजरअंदाज किया जिसमें कहा गया था कि भारत ने एक PL-15E मिसाइल को बरामद किया है, जो कि नष्ट नहीं हुई थी। यह मिसाइल लंबी दूरी की और रडार-निर्देशित है, जिसे चीन की सबसे उन्नत मिसाइलों में से एक माना जाता है।
झांग ने बताया कि जिस मिसाइल का जिक्र हो रहा है, वह निर्यात के लिए बनी एक उपकरण है और इसे चीन ने पहले भी कई बार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनियों में पेश किया है। उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया कि इस मिसाइल के मिलने से कोई बड़ा खुलासा हुआ हो।
चीन का भारत-पाकिस्तान तनाव पर रुख- Chinese Weapons Against India
सीनियर कर्नल झांग ने भारत और पाकिस्तान को पड़ोसी देशों के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों को संयम और शांति बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने उन दावों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि चीन ने पाकिस्तान को इस संघर्ष में हवाई सुरक्षा और सैटेलाइट सहायता प्रदान की थी। झांग ने कहा कि हथियार प्रदर्शन औसत से कम रहा, और वे उम्मीद करते हैं कि दोनों देश ऐसे कदम न उठाएं जो स्थिति को और जटिल बनाएं।
चीन ने इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता जताई है और भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापक तथा स्थायी सीजफायर की वकालत की है। यह बयान चीन के रक्षा मंत्रालय की 7 से 10 मई के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद पहली प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दिया गया। चीन रक्षा मंत्रालय हर महीने एक बार प्रेस ब्रीफिंग आयोजित करता है।
भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष का सार
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में 26 आम नागरिकों की मौत हो गई। इसके बाद करीब दो हफ्ते बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान ने इसके जवाब में 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले का प्रयास किया, लेकिन भारत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका मुकाबला किया।
चीन के हथियार और भारत-पाकिस्तान संबंध
पाकिस्तान ने इस सैन्य टकराव में बड़े पैमाने पर चीन निर्मित हथियारों का इस्तेमाल किया, जो चीन और पाकिस्तान के बीच ‘हर मौसम में दोस्ती’ के रिश्तों का प्रतीक है। चीनी सरकारी मीडिया ने भी इस टकराव पर काफी ध्यान दिया।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2024 के बीच चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है। इस अवधि में पाकिस्तान ने अपने 81% हथियार चीन से खरीदे हैं। इनमें आधुनिक जेट फाइटर, रडार, नौसेना के जहाज, पनडुब्बियां और मिसाइलें शामिल हैं। दोनों देश मिलकर J-17 जेट विमान का उत्पादन भी करते हैं, जो पाकिस्तान वायु सेना की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करता है।