Ukraine Drone attack Russia: ड्रोन हमले ने बदली रूस-यूक्रेन युद्ध की तस्वीर, पुतिन की रणनीति पर सस्पेंस, तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा!

Ukraine Drone attack Russia
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Ukraine Drone attack Russia: लगभग 2500 साल पहले चीनी दार्शनिक सन त्जू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “Art of War” में लिखा था कि जब लड़ाई लंबी खिंच जाती है और जीत में देरी होती है, तब हथियार अपनी धार खो देते हैं और सैनिकों का जोश ठंडा पड़ जाता है। यह बात आज के युग में भी उतनी ही सत्य लगती है, खासकर रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में। हाल ही में यूक्रेन ने रूस पर जो ड्रोन हमला किया है, उससे रूस की सैन्य ताकत पर गंभीर असर पड़ा है और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।

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41 लॉन्ग रेंज बॉम्बर नष्ट, 7 अरब डॉलर का नुकसान- Ukraine Drone attack Russia

1 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस की गहराई में घुसकर एक बड़ा और रणनीतिक हमला किया। इस हमले में रूस के 5 प्रमुख एयरबेस — बेलाया, ड्यागिलेवो, इवानोवो, ओलेन्या और अन्य — को भारी नुकसान पहुंचाया गया। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU के अनुसार, इस ऑपरेशन में रूस के 41 लंबी दूरी के बमवर्षक विमान तबाह हुए। इन विमानों की तस्वीरें सोशल मीडिया और मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। यूक्रेन ने इस मिशन को कोडनेम “स्पाइडरवेब” दिया है।

SBU ने अनुमान लगाया है कि इस हमले से रूस को लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला माना जा रहा है, जो रूस के सैन्य संसाधनों को कमजोर करने की कोशिश है। इस हमले ने रूस के सैन्य गौरव को चुनौती दी है और साथ ही यूक्रेन के साहस और रणनीतिक क्षमता को भी प्रदर्शित किया है।

रूस की प्रतिक्रिया और संकट की गंभीरता

रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के हमलों को नाकाम करने का दावा किया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और सैटेलाइट इमेज ने भारी नुकसान की पुष्टि की है। इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर 472 ड्रोन हमले किए, जो 2022 से जारी युद्ध का अब तक का सबसे बड़ा जवाबी हमला था।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस हमले को “अभूतपूर्व उकसावा” करार दिया है और संकेत दिए हैं कि रूस इसका सख्त जवाब देगा। पुतिन के 25 साल के शासनकाल में यह हमला उनकी सैन्य और राजनीतिक क्षमताओं के लिए एक बड़ा चुनौतीपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

युद्ध का बढ़ता खतरा और परमाणु संकट

पुतिन के पास अत्याधुनिक हथियारों का भंडार है, जिनमें क्रूज मिसाइलें, हाइपरसोनिक मिसाइलें (जैसे Kinzhal) और Yars न्यूक्लियर मिसाइलें शामिल हैं। Yars एक तीन-स्टेज वाला ठोस ईंधन मिसाइल है, जिसमें कई थर्मोन्यूक्लियर वारहेड्स होते हैं। हालांकि, इस समय परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना कम मानी जा रही है क्योंकि यह पूरी मानवता के लिए विनाशकारी होगा।

फिर भी, इस घटना के बाद रूस का जवाबी हमला संभवतः यूक्रेन के सैन्य और ऊर्जा ढांचे को निशाना बना सकता है ताकि यूक्रेन की मिसाइल और ड्रोन उत्पादन क्षमता को कमजोर किया जा सके और NATO के समर्थन को प्रभावित किया जा सके।

NATO का हस्तक्षेप और जर्मनी का बढ़ता दखल

यूक्रेन को NATO से मिलने वाले हथियार और खुफिया सहयोग को रूस ने पश्चिमी हस्तक्षेप के रूप में देखा है। खासतौर पर जर्मनी का यूक्रेन को मिसाइल और हथियार सप्लाई करना इस तनाव को और बढ़ावा दे रहा है। जर्मनी के विदेश मंत्री और चांसलर ने खुलकर कहा है कि वे यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें देने में कोई रोक-टोक नहीं करेंगे। यह रूस के लिए बड़ी चिंता का विषय है।

तीसरे विश्व युद्ध की आशंका

रूसी नेतृत्व की NATO के प्रति नाराजगी और परमाणु युद्ध की चेतावनियां इस युद्ध को वैश्विक संकट की ओर ले जा रही हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और सीआईए के पूर्व निदेशक विलियम बर्न्स जैसे प्रमुख सुरक्षा विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है।

पुतिन ने भी 2024 में चेतावनी दी थी कि अगर NATO सीधे हस्तक्षेप करता है, तो “सभ्यता का विनाश” हो सकता है। यह बयान दर्शाता है कि रूस के लिए यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संघर्ष भी है।

बता दें, यूक्रेन के ड्रोन हमले ने रूस के सैन्य सामर्थ्य को हिला कर रख दिया है और पुतिन के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सन त्जू के 2500 साल पुराने युद्ध के सिद्धांत आज भी सटीक साबित हो रहे हैं — लंबी लड़ाई से संसाधनों पर दबाव बढ़ता है, और जीत की भूख लड़ाकों का हौसला बढ़ाती है।

इस बीच, युद्ध की यह कड़ी बढ़ती जा रही है और तीसरे विश्व युद्ध के खतरे के बावजूद शांति वार्ताओं की उम्मीद अभी जिंदा है। लेकिन यह साफ है कि इस जटिल संघर्ष में तकनीक, रणनीति और वैश्विक राजनीति की भूमिका पहले से कहीं अधिक निर्णायक हो गई है।

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