Google Tax: भारत का गूगल टैक्स पर चौंकाने वाला फैसला, अमेरिका से व्यापारिक रिश्तों को सुधारने के लिए 6% टैक्स हटाने का कदम!

Table of Content

Google Tax: भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गूगल टैक्स के रूप में प्रसिद्ध 6% इक्विलाइजेशन टैक्स को हटाने का प्रस्ताव दिया है। इस फैसले का सबसे अधिक प्रभाव अमेरिका की प्रमुख टेक कंपनियों जैसे गूगल, अमेजन और मेटा पर पड़ेगा। भारत का यह कदम अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों को सामान्य बनाने तथा व्यापार वार्ता के प्रति लचीला रुख दिखाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

और पढ़ें: 25% Tariff On Imported Cars: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा कदम! 25% टैरिफ से भारतीय ऑटो सेक्टर में हलचल, भारतीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट

इक्विलाइजेशन टैक्स क्या है? (Google Tax)

इक्विलाइजेशन टैक्स, जिसे गूगल टैक्स भी कहा जाता है, एक विशेष कर है जो विदेशी डिजिटल सेवा प्रदाताओं पर लागू होता है। इस कर का उद्देश्य भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच कर दायित्वों को समान बनाना था। 2016 से लागू इस कर के तहत, अगर कोई भारतीय कंपनी या व्यक्ति विदेशी डिजिटल सेवा प्रदाताओं जैसे गूगल, मेटा, या अमेजन को 1 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करता, तो उस पर 6% का कर लगता था।

इस कर का मुख्य उद्देश्य ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारतीय बाजार में अपनी डिजिटल सेवाओं से होने वाली आय पर कर लगाना था। हालांकि, इसे लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था क्योंकि यह विशेष रूप से विदेशी कंपनियों पर लागू था और भारतीय कंपनियों को इससे छूट थी।

भारत का यह कदम क्यों उठाया गया?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार का यह कदम अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। अमेरिकी कंपनियां लगातार इस कर को भेदभावपूर्ण बताकर विरोध करती रही हैं। अमेरिका ने 2020 में भारत सहित अन्य देशों द्वारा लगाए गए डिजिटल सेवा करों को अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली के खिलाफ बताया था। इससे यह आशंका जताई जा रही थी कि भारत पर अमेरिका से व्यापार प्रतिशोध (Tariff Retaliation) का खतरा बढ़ सकता है।

अमेरिका के दबाव को ध्यान में रखते हुए भारत ने 2020 में 2% ई-कॉमर्स कर को हटाया, लेकिन 6% इक्विलाइजेशन टैक्स जारी रखा था। अब, 2024 में, इस कर को भी हटाने का प्रस्ताव किया गया है ताकि व्यापार वार्ता को सकारात्मक दिशा में ले जाया जा सके और भारत अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत कर सके।

अमेरिका की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावना

अमेरिका ने जून 2020 में डिजिटल सेवा करों की जांच शुरू की थी और दावा किया था कि ऐसे कर अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण हैं। इस फैसले के बाद, भारत सरकार ने 2% ई-कॉमर्स उपकर को हटाकर अमेरिका की चिंताओं का समाधान किया था। अब, 6% इक्विलाइजेशन टैक्स हटाने का प्रस्ताव अमेरिकी कंपनियों के लिए राहत का संकेत हो सकता है।

नांगिया एंडरसन LLP के पार्टनर विश्वास पंजियार ने इस फैसले को एक अस्थायी समाधान बताया है, जब तक कि वैश्विक स्तर पर कर प्रणाली पर एक वैश्विक सहमति नहीं बन जाती। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी कर प्रणाली में ‘सिग्निफिकेंट इकोनॉमिक प्रेजेंस’ (SEP) का प्रावधान किया है, जिससे विदेशी कंपनियों पर कर लगाने का एक वैकल्पिक तरीका सामने आता है।

इक्विलाइजेशन लेवी से सरकार की आमदनी

इक्विलाइजेशन लेवी उन कंपनियों पर लागू होती थी, जो भारतीय संस्थाओं के साथ प्रति वर्ष 2 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती थीं। सरकार ने इस कर से 2023 के वित्तीय वर्ष में 3,343 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। हालांकि, अमेरिका के साथ जवाबी शुल्क और वैश्विक कर समझौते के बाद पिछले साल अगस्त में 2% लेवी को हटा दिया गया था, लेकिन 6% टैक्स को अब तक जारी रखा गया था।

भारत सरकार का गूगल टैक्स (इक्विलाइजेशन टैक्स) हटाने का निर्णय अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय न केवल अमेरिकी कंपनियों के लिए राहत का संकेत है, बल्कि वैश्विक कर प्रणाली पर भी असर डाल सकता है। भारत की यह रणनीति व्यापार वार्ता में लचीलापन दिखाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने व्यापारिक रिश्तों को सुधारने के उद्देश्य से उठाई गई है।

और पढ़ें: Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 25% टैरिफ फैसला! वैश्विक व्यापार में उठा तूफान, भारत और अन्य देशों पर पड़ेगा भारी प्रभाव 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Ahan Pandey News

Ahan Pandey News: ‘सैयारा’ के बाद बदल गई ज़िंदगी, 28 की उम्र में बॉलीवुड का नया सेंसेशन बने अहान पांडे

Ahan Pandey News: बॉलीवुड में बहुत कम ऐसे चेहरे होते हैं जो आते ही माहौल बदल देते हैं। ज्यादातर कलाकारों को पहचान पाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पहली ही फिल्म गेमचेंजर साबित होती है। अहान पांडे उन्हीं नामों में शामिल हो चुके हैं। हाल ही...
Who is CR Subramanian

Who is CR Subramanian: 1600 स्टोर, 3500 करोड़ का खेल… और फिर ऐसा मोड़ कि आज जेल में पाई-पाई को तरस रहा है ये कारोबारी

Who is CR Subramanian: देश में ऐसे कई बिजनेसमैन रहे हैं जिन्होंने बिल्कुल जीरो से शुरुआत कर अरबों की दुनिया खड़ी की। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जहां सफलता जितनी तेजी से मिली, उतनी ही तेजी से सब कुछ हाथ से निकल गया। भारतीय कारोबारी सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की कहानी भी कुछ ऐसी...
Bath in winter

Bath in winter: सर्दियों में नहाने से डर क्यों लगता है? जानिए रोज स्नान की परंपरा कहां से शुरू हुई और कैसे बनी आदत

Bath in winter: उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आते ही नहाना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। घना कोहरा, जमा देने वाली ठंड और बर्फ जैसे ठंडे पानी को देखकर अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग रोज नहाने से कतराने लगते हैं, तो...
Sikhism in Odisha

Sikhism in Odisha: जगन्नाथ की धरती पर गुरु नानक की विरासत, ओडिशा में सिख समुदाय की अनकही कहानी

Sikhism in Odisha: भारत में सिख समुदाय की पहचान आमतौर पर पंजाब से जोड़कर देखी जाती है, लेकिन देश के पूर्वी हिस्सों, खासकर ओडिशा में सिखों की मौजूदगी का इतिहास उतना ही पुराना, जटिल और दिलचस्प है। यह कहानी केवल धार्मिक प्रवास की नहीं है, बल्कि राजनीति, औपनिवेशिक शासन, व्यापार, औद्योगीकरण और सामाजिक संघर्षों से...
Ambedkar and Christianity

Ambedkar and Christianity:आंबेडकर ने ईसाई धर्म क्यों नहीं अपनाया? धर्मांतरण पर उनके विचार क्या कहते हैं

Ambedkar and Christianity: “मैं एक अछूत हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं।” डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की यह पंक्ति सिर्फ एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं थी, बल्कि सदियों से जाति व्यवस्था से दबे समाज के लिए एक चेतावनी और उम्मीद दोनों थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति प्रथा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds