Houthi Rebels News: लंबे समय से यमन में हूती विद्रोहियों ने अमेरिका और इजराइल के लिए चुनौती उत्पन्न की है, खासकर लाल सागर में। हालांकि, अब अमेरिका का इरादा इसे एक बार और हमेशा के लिए समाप्त करने का है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने 80,000 सैनिकों की तैनाती के साथ हूती विद्रोहियों पर बड़ा एक्शन लेने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य हूती सेना को पूरी तरह से नष्ट करना और यमन के रणनीतिक होदेइदाह बंदरगाह को फिर से कब्जे में लेना है।
हूती विद्रोहियों की बढ़ती ताकत और अमेरिका का पलटवार- Houthi Rebels News
हूती विद्रोहियों ने कई सालों से यमन और उसके आसपास के क्षेत्रों में अपनी ताकत बढ़ाई है, खासकर लाल सागर में। उनका यह आक्रामक रुख अमेरिका और इजराइल के लिए परेशानी का सबब बन चुका था। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका अब हूती विद्रोहियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए 80,000 सैनिकों को यमन में तैनात कर रहा है, जिसका उद्देश्य हूतियों की ताकत को नष्ट करना और होदेइदाह बंदरगाह को फिर से अपने नियंत्रण में लेना है।
होदेइदाह बंदरगाह और ईरान की भूमिका
होदेइदाह बंदरगाह पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है, और यही वह स्थान है जहां से ईरान अपने प्रॉक्सी हूती समूह के माध्यम से ड्रोन और मिसाइलें भेजता है। अमेरिका का उद्देश्य ईरान की इस आपूर्ति लाइन को समाप्त करना है, जिससे हूतियों को सैन्य सहायता मिलती है। यदि अमेरिका सफल होता है, तो यह ईरान के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि यह उसके प्रभाव का एक अहम हिस्सा होगा।
अमेरिका का यमन में सैन्य अभियान
अमेरिका ने यमन की सरकारी सेना को भी इस संघर्ष में सहायता देने का वादा किया है। यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने के लिए हूती विद्रोहियों ने 2014 में ईरान के समर्थन से अपनी ताकत बढ़ाई थी। इस संघर्ष में कई बड़े घटनाक्रमों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए इसे एक संवेदनशील क्षेत्र बना दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने मार्च 2025 में हूतियों के कई प्रमुख नेताओं को निशाना बना कर हमले किए थे, जिससे हूती विद्रोहियों की ताकत को एक और झटका लगा था।
ट्रंप की चेतावनी और अब की रणनीति
अब्दुल अजीज, सऊदी अरब के गल्फ रिसर्च इंस्टिट्यूट के चेयरमैन, के मुताबिक, ट्रंप पहले ही हूती विद्रोहियों को समाप्त करने की धमकी दे चुके हैं। अब, 80,000 सैनिकों की तैनाती के साथ, हूतियों के लिए यह खतरे की घंटी है। अमेरिका के इस बड़े कदम से हूती विद्रोहियों की स्थिति और कठिन हो सकती है, क्योंकि अमेरिका की रणनीति सिर्फ यमन में हूतियों को नष्ट करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राजधानी सना पर भी हमला करने का प्लान तैयार किया जा सकता है।
ईरान के लिए बड़ा झटका
अगर अमेरिका यमन से हूतियों को पूरी तरह खत्म कर देता है, तो यह ईरान के लिए एक भारी झटका होगा। ईरान का सबसे प्रमुख प्रॉक्सी समूह, हूती विद्रोही, उसके नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण शक्ति बने हुए थे। इससे पहले ही अमेरिका ने ईरान के अन्य प्रॉक्सी समूह जैसे हमास और हिजबुल्लाह को भी कमजोर किया है, और इस बार अगर हूतियों का सफाया होता है, तो यह ईरान के लिए एक और बड़ी हार साबित हो सकती है।
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