India and Russia Deal: भारत और रूस के बीच दशकों पुराने रिश्ते एक बार फिर मजबूती की दिशा में बढ़ते दिख रहे हैं। गुरुवार को मॉस्को में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच हुई बातचीत में दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित और टिकाऊ तरीके से बढ़ाने का संकल्प लिया। खास बात यह रही कि भारत ने गैर-शुल्क बाधाओं और नियामक अड़चनों को खत्म करने की बात जोरशोर से उठाई।
भारत-रूस व्यापार को संतुलित करने पर सहमति- India and Russia Deal
जयशंकर ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध हमेशा मजबूत रहे हैं, और बदलती भू-राजनीतिक स्थितियों के बीच इन रिश्तों को और मज़बूती देने की ज़रूरत है। उन्होंने यह भी साफ किया कि रूस को भारत का निर्यात बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि व्यापार संतुलन बन सके।
जयशंकर ने कहा, “फार्मा, कृषि और वस्त्र जैसे सेक्टरों में भारत के पास काफी संभावनाएं हैं, और इन क्षेत्रों में रूस को निर्यात बढ़ाने से दोनों देशों को फायदा होगा।”
ऊर्जा और श्रम सहयोग को लेकर बातचीत
भारत-रूस संबंधों का एक अहम पहलू ऊर्जा सहयोग रहा है। जयशंकर ने इस बैठक में भी ऊर्जा आपूर्ति और निवेश पर चर्चा की और कहा कि इसे टिकाऊ बनाए रखने की दिशा में काम किया जाएगा।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत के कुशल श्रमिक, विशेष रूप से आईटी, कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग सेक्टर से जुड़े लोग, रूस की श्रम ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं। इससे दोनों देशों के बीच सहयोग और गहरा होगा।
आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख
दोनों विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद से लड़ने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। जयशंकर ने खासतौर पर सीमा पार आतंकवाद और भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति की बात उठाई। उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भारतीय सैनिकों का मामला भी उठा
जयशंकर ने रूस की सेना में सेवा कर रहे कुछ भारतीय नागरिकों के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने बताया कि कई भारतीयों को रिहा किया जा चुका है, लेकिन कुछ अब भी लापता हैं या उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। भारत को उम्मीद है कि रूस इस मसले पर जल्द समाधान निकालेगा।
पुतिन से भी हुई मुलाकात, शिखर सम्मेलन की तैयारी
बैठक के कुछ घंटों बाद ही जयशंकर ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की। इस दौरान साल के अंत में होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों और मोदी-पुतिन मीटिंग को सफल बनाने पर चर्चा हुई।
जयशंकर की यात्रा के दौरान उन्होंने रूस के डिप्टी पीएम डेनिस मंटुरोव से भी मुलाकात की थी, जहां दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, तकनीक और यूक्रेन युद्ध के प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा की।
भारत-अमेरिका संबंधों के बीच बढ़ती दूरी
जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 50% कर दिया है, जिससे व्यापारिक रिश्तों में खटास आई है। रूस के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाना अब भारत के लिए एक रणनीतिक विकल्प बनता जा रहा है।