India Russia Oil Purchase: दुनिया में तेल की कीमतों को लेकर चल रही बहस एक बार फिर गर्म हो गई है। इस बार वजह हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के फैसले। इस मुद्दे पर प्रसिद्ध राजनीतिक विश्लेषक और लेखक फरीद जकारिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि अगर भारत और चीन ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो कच्चे तेल की कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को सीधे तौर पर मंदी की ओर धकेल देगा।
ट्रंप के फैसले पर तीखा हमला- India Russia Oil Purchase
फरीद जकारिया ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाना पूरी तरह बेमतलब और तर्कहीन है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले 25 सालों से अमेरिका की विदेश नीति भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने पर केंद्रित रही है। क्लिंटन प्रशासन से लेकर बाइडेन सरकार तक, सभी ने भारत को रणनीतिक और आर्थिक साझेदार के रूप में देखा है। लेकिन ट्रंप का ये फैसला उस नीति के बिलकुल उलट है।
चीन ज्यादा खरीद रहा, लेकिन निशाना भारत पर
जकारिया ने साफ कहा कि अगर ट्रंप को रूसी तेल खरीदने से दिक्कत है, तो चीन पर भी उतना ही दबाव होना चाहिए, क्योंकि चीन भारत से कहीं ज्यादा मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है। लेकिन ट्रंप ने सिर्फ भारत को निशाना बनाया है, जो बताता है कि उनका फैसला अर्थशास्त्र से नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित है।
150 डॉलर क्रूड: दुनिया के लिए बड़ा खतरा
जकारिया ने कहा कि अगर भारत और चीन ने एक साथ रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो वैश्विक तेल बाजार में एक बड़ा गैप बन जाएगा। इससे कच्चे तेल की कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। उनका कहना है कि, “इतनी ऊंची कीमतों पर न केवल तेल आयातक देश बुरी तरह प्रभावित होंगे, बल्कि इससे अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में आर्थिक मंदी की स्थिति बन जाएगी।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि ट्रंप खुद कभी नहीं चाहेंगे कि अमेरिका फिर मंदी में फंसे। इसलिए इस तरह का कदम उल्टा असर डाल सकता है।
बाइडेन की नीति ज्यादा संतुलित
फरीद जकारिया ने बाइडेन प्रशासन की नीति को जिम्मेदार और व्यवहारिक बताया। उन्होंने कहा कि बाइडेन सरकार ने रूस पर दबाव बनाए रखते हुए यह सुनिश्चित किया कि तेल की वैश्विक आपूर्ति बनी रहे। इससे एक ओर तो दुनिया को तेल मिलता रहा और दूसरी ओर रूस को भी ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ। जकारिया के मुताबिक, ट्रंप का तरीका इसके मुकाबले ज्यादा संकीर्ण और खतरनाक है।
रिश्तों पर असर डाल सकता है ये टैरिफ
जकारिया ने चेताया कि ट्रंप की ये नीति भारत-अमेरिका के बीच वर्षों से बने गहरे रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने लंबे समय तक भारत को एशिया में एक भरोसेमंद और स्थिर साझेदार माना है, लेकिन अब इन नीतियों से वो भरोसा डगमगाने लगा है।