Indonesia mosque blast: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 17 साल के छात्र ने अकेले ही अपने घर पर बम बनाए और मस्जिद में विस्फोट कर दिया। इस हमले में 96 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई स्कूल छात्र भी शामिल हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह किशोर न तो किसी आतंकी संगठन से जुड़ा था, न ही किसी के बहकावे में आया था बल्कि उसने इंटरनेट पर देखे गए उग्रवादी और हिंसक कंटेंट से प्रेरणा लेकर खुद ही यह साजिश रची थी।
इंटरनेट से सीखी बम बनाने की तकनीक- Indonesia mosque blast
जकार्ता पुलिस के जनरल क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डायरेक्टर इमान इमानुद्दीन ने बताया कि आरोपी छात्र ने कुल सात बम तैयार किए, जिनमें से चार फट गए जबकि तीन को सुरक्षा बलों ने निष्क्रिय कर दिया। ये बम बेहद साधारण घरेलू सामानों से बनाए गए थे 6-वोल्ट बैटरी, प्लास्टिक कैन, रिमोट कंट्रोल और लोहे की कीलें। इन बमों को इस तरह डिजाइन किया गया था कि अधिकतम नुकसान हो सके।
पुलिस के मोबाइल ब्रिगेड यूनिट अधिकारी हेनिक मरयांतो ने बताया कि छात्र ने इन बमों की तकनीक पूरी तरह इंटरनेट से सीखी थी। उन्होंने कहा, “हमें उसके कमरे से कई नोट्स और लिंक मिले हैं, जिनमें बम बनाने के विस्तृत तरीके बताए गए थे। जो तीन बम नहीं फटे, उन्हें भी हमने जब्त कर लिया है।”
स्कूल में अकेलापन और अंतर्मुखी स्वभाव
जांच में पता चला कि यह छात्र बहुत अंतर्मुखी था और स्कूल में उसका कोई करीबी दोस्त नहीं था। वह न परिवार से खुलकर बात करता था, न क्लासमेट्स से मेलजोल रखता था। पुलिस अधिकारी इमानुद्दीन ने बताया कि “उसे लगता था कि कोई उसकी बात नहीं सुनता। धीरे-धीरे उसने खुद को दुनिया से अलग कर लिया और हिंसा की ओर झुक गया।”
‘नियो-नाजी’ विचारधारा से प्रभावित
छात्र के कमरे की तलाशी में पुलिस को एक खिलौना सबमशीन गन मिली, जिस पर नव-नाजी और अन्य कुख्यात आतंकियों के नाम लिखे हुए थे। इनमें कनाडा, इटली और न्यूजीलैंड के चर्चित आतंकी हमलावरों के नाम शामिल थे।
पुलिस का कहना है कि वह ‘व्हाइट सुप्रेमेसिस्ट’ और ‘नियो-नाजी’ विचारधारा से प्रभावित था, लेकिन उसका किसी संगठन से कोई सीधा संपर्क नहीं था।
इंडोनेशिया की काउंटर टेररिज्म स्क्वॉड के प्रवक्ता मायंद्र एका वार्धाना ने कहा, “वह केवल हिंसक प्रतीकों और इंटरनेट पर दिखने वाले चरमपंथी नामों से प्रभावित था, लेकिन किसी आतंकी नेटवर्क से उसका कोई रिश्ता नहीं मिला।”
टेरर लॉ के तहत नहीं चलेगा मामला
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आरोपी छात्र पर इंडोनेशिया के कड़े आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामला नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि उसने किसी आतंकी संगठन से संपर्क नहीं किया था। हालांकि, उस पर पूर्व नियोजित गंभीर हमला (Premeditated Serious Assault) का केस चलेगा, जिसमें 12 साल तक की सजा हो सकती है।
धमाके में घायल छात्रों की हालत
इस विस्फोट में घायल 96 लोगों में से आधे से ज्यादा छात्र हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, कई छात्रों की सुनने की शक्ति प्रभावित हुई है। चार छात्रों में अचानक बहरेपन (sudden deafness) के लक्षण `पाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि 11 छात्र अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें एक की हालत गंभीर है क्योंकि उसे गंभीर जलन और आंतरिक चोटें आई हैं।
