US Attacks Iran: ईरान ने पहली बार इस बात को स्वीकार किया है कि अमेरिकी हमले के कारण उसकी न्यूक्लियर साइट्स को भारी नुकसान पहुंचा है। यह बयान ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने अल जजीरा से बात करते हुए दिया। बाघेई ने कहा, “हमारी न्यूक्लियर इंस्टॉलेशन्स को भारी नुकसान हुआ है, यह अब स्पष्ट हो चुका है।” हालांकि, उन्होंने हमले की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन यह कबूलनामा ईरान की ओर से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। इससे पहले ईरान ने इस हमले को नकारा था और यह दावा किया था कि उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन सेटेलाइट तस्वीरों और बाघेई के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि ईरान को इस हमले में गंभीर नुकसान हुआ है।
पेंटागन की रिपोर्ट- US Attacks Iran
पेंटागन ने अपनी सीक्रेट रिपोर्ट में पुष्टि की कि अमेरिकी हमले से ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को नुकसान पहुंचा है, लेकिन उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से नष्ट नहीं किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का परमाणु कार्यक्रम अभी भी भविष्य में सक्रिय हो सकता है, लेकिन इस हमले से इसे कई महीनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस रिपोर्ट से यह संकेत मिलता है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए और प्रयास किए जाने की आवश्यकता होगी।
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की डिटेल
इस ऑपरेशन को “मिडनाइट हैमर” के नाम से जाना जाता है। अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और एयर फोर्स के अध्यक्ष जनरल डैन कैन के नेतृत्व में यह ऑपरेशन रात के समय किया गया था। मीडिया ब्रीफिंग में पेंटागन के अधिकारी हेगसेथ ने कहा कि इस ऑपरेशन में अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों—फोर्डो, नतान्ज़ और इस्फाहान पर सटीक हमला किया। उन्होंने इसे एक शानदार सफलता बताया, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया।
ट्रंप का बयान
इस घटना के कुछ समय बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस हमले को लेकर बयान दिया और युद्ध रोकने का श्रेय लिया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के हस्तक्षेप और ईरानी ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराने के उनके फैसले ने ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध को समाप्त कर दिया। उन्होंने यह दावा किया कि उनके फैसले से न केवल युद्ध खत्म हुआ, बल्कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी दशकों पीछे धकेल दिया गया। ट्रंप ने कहा, “हमने जो किया, वह निर्णायक था, और इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर प्रभाव पड़ा है।”
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर असर
ट्रंप ने खुफिया जानकारी को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की प्रारंभिक रिपोर्ट में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में निष्कर्ष अनिर्णायक थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला गया है। हालांकि, ट्रंप ने यह विश्वास जताया कि अब ईरान अपनी परमाणु सुविधाओं को फिर से स्थापित करने का प्रयास नहीं करेगा, और इसके बजाय कूटनीतिक रास्ता अपनाएगा।