Israel Attack Iran: इजरायल ने हाल ही में ईरान पर एक बड़ा और टार्गेटेड हमला किया है, जिसमें ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों, सैन्य अधिकारियों, बैलिस्टिक मिसाइल भंडार, एयर डिफेंस सिस्टम और परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया गया। यह हमला इतनी सटीकता से किया गया था कि इसे एक रणनीतिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांचि समेत कई अन्य ईरानी अधिकारियों की मौत हो गई है।
नतांज पर हमला: परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर असर- Israel Attack Iran
लेकिन, इस हमले का सबसे बड़ा निशाना नतांज परमाणु केंद्र था, जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का दिल माना जाता है। नतांज ईरान का सबसे बड़ा और सबसे संवेदनशील परमाणु संवर्धन केंद्र है, जो जमीन के नीचे बंकरों में स्थित है। यह केंद्र लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय निगरानी एजेंसियों के लिए चिंता का विषय रहा है। यहां यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया की जाती है, जो परमाणु बम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होता है।
According to footage from the area near the Natanz Nuclear Facility in Isfahan, which was hit in the second wave, the facility’s main power transformer appears to have been struck. #Israeli attacks on #Iran are going on. pic.twitter.com/wU1YYBWnFS
— Burak Uzun (@buraktalhauzun) June 13, 2025
इजरायल ने नतांज पर लगातार कई हमले किए हैं, जिससे इस केंद्र की बुनियादी संरचना को भारी नुकसान हुआ है। ये हमले केवल भौतिक रूप से इस केंद्र को नष्ट करने के लिए नहीं किए गए, बल्कि उनका उद्देश्य ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाना भी था। इन हमलों के माध्यम से इजरायल ने ईरान पर दबाव डाला है, ताकि वह परमाणु हथियार बनाने की अपनी योजनाओं को टाल सके और IAEA (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी) के निरीक्षण के तहत अधिक पारदर्शिता दिखाए।
IAEA का आरोप और परमाणु कार्यक्रम पर सवाल
हाल ही में, IAEA ने ईरान को परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के उल्लंघन का दोषी ठहराया है। IAEA ने यह कहा है कि ईरान ने अपनी परमाणु गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है और अपने 60% तक संवर्धित यूरेनियम के भंडार को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान के पास लगभग 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम हो सकता है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
इजरायल का रुख और प्रतिक्रिया
इजरायल का कहना है कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए ये हमले किए हैं, ताकि ईरान परमाणु हथियारों को हासिल करने से पहले उन्हें रोका जा सके। इजरायल की वायुसेना ने एक बयान में कहा, “ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के पहले से कहीं ज्यादा करीब है, और यह पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। हम ईरान को ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे।”
इजरायल की प्रतिक्रिया स्पष्ट थी: ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा, क्योंकि ईरानी शासन का इजरायल के विनाश का आह्वान किया जा चुका है। इस हमले से इजरायल ने यह संदेश दिया कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को किसी भी कीमत पर नहीं बढ़ने देगा।
नतांज परमाणु केंद्र: एक महत्त्वपूर्ण स्थान
नतांज, जो ईरान के इस्फहान प्रांत में स्थित है, न केवल ईरान का परमाणु संवर्धन केंद्र है, बल्कि यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सबसे संवेदनशील स्थल भी माना जाता है। यहां हजारों सेंट्रीफ्यूज मशीनें लगी हुई हैं, जो यूरेनियम-235 को 3.5% से लेकर 60% तक संवर्धित करती हैं। परमाणु बम बनाने के लिए लगभग 90% संवर्धन की जरूरत होती है, और ईरान 60% तक यूरेनियम संवर्धन कर चुका है, जिसका मतलब है कि वह अब कुछ हफ्तों में परमाणु बम बनाने के करीब पहुंच सकता है।
यह केंद्र भूमिगत बंकरों में स्थित है, जिसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यधिक मजबूत माना जाता है। यह “हार्डनड टारगेट” माना जाता है, यानी इसे नष्ट करना बहुत मुश्किल होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस केंद्र पर हमला करने के लिए भारी बमों का इस्तेमाल किया गया होगा, क्योंकि इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए कई सौ टन बम गिराने की आवश्यकता होगी।