Israel-Iran War Threat: इजरायल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, और हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। हाल ही में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका देश तब तक ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ को बंद नहीं करेगा जब तक ईरान के सुप्रीम लीडर, अयातुल्ला अली खामेनेई का अंत नहीं हो जाता। यह बयान इस संघर्ष में और भीषणता का संकेत देता है और दोनों देशों के बीच की खाई को और गहरा करता है।
इसी बीच, इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी की, जिसमें उन्होंने खामेनेई को इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के समान अंजाम भुगतने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि खामेनेई का हश्र भी वही हो सकता है जो इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन का हुआ था, जिन्हें अपदस्थ कर दिया गया था और फिर फांसी दी गई थी।
इजरायल की चेतावनी: खामेनेई का हो सकता है सद्दाम जैसा अंत- Israel-Iran War Threat
इजरायली रक्षा मंत्री ने यह भी दावा किया कि खामेनेई को ईरान के लोग ही फांसी पर लटकाएंगे। उन्होंने इस बात को याद दिलाया कि इराक में सद्दाम हुसैन के खिलाफ क्या हुआ था, और ईरान के तानाशाह के खिलाफ भी वही घटना हो सकती है। इजराइली मंत्रालय से जारी एक बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री कैट्ज ने ईरानी तानाशाह को चेतावनी दी कि वह युद्ध अपराधों और इजरायली नागरिकों पर मिसाइल हमले जारी न रखें। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह याद रखना चाहिए कि इजरायल के खिलाफ ऐसे ही रास्ते अपनाने वाले इराकी तानाशाह का क्या हुआ था।
सद्दाम हुसैन का अंत: एक ऐतिहासिक संदर्भ
सद्दाम हुसैन का अंत एक बड़े ऐतिहासिक घटनाक्रम के रूप में देखा जाता है। 2003 में, अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने इराक में सैन्य आक्रमण किया और सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटा दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कई गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चलाया गया। इन आरोपों में इजरायल पर मिसाइल हमले का आदेश देना और गुप्त परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाना शामिल था। सद्दाम हुसैन को 1982 में हुए दुजैल नरसंहार में 148 शिया मुसलमानों की हत्या के आरोप में फांसी दी गई।
संघर्ष की बढ़ती गंभीरता
इजरायल और ईरान के बीच यह तनाव नए मोड़ पर पहुंच चुका है। इजरायली अधिकारी लगातार ईरान के खिलाफ सख्त बयानबाजी कर रहे हैं, और उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि अगर ईरान अपनी नीतियों से नहीं बाज आता, तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। दोनों देशों के बीच यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
इस समय, इजरायल का रुख बेहद आक्रामक है, और ईरान पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इजरायल की रणनीति ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ को लेकर स्पष्ट है कि जब तक ईरान के उच्च नेताओं का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। इस बीच, ईरान भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है और इस संघर्ष के और बढ़ने का खौफ सता रहा है।