Israel-Iran War Update: अमेरिका ने हाल ही में ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स – फॉर्डो, नतांज और इशफहान – पर एयर स्ट्राइक की है। इस हमले को अमेरिकी वायु सेना ने अपने अत्याधुनिक फाइटर जेट्स, B2 बॉम्बर्स, से अंजाम दिया है। इन बॉम्बर्स ने इन न्यूक्लियर साइट्स पर हजारों किलोग्राम के बम गिराए, जिनमें से अधिकांश बंकर बस्टर बम थे, जिन्हें MOP (Massive Ordnance Penetrator) के नाम से जाना जाता है। यह हमला एक बार फिर यह साबित करता है कि अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति और टेक्नोलॉजी के मामले में कितना उन्नत है।
MOP बम की खासियत- Israel-Iran War Update
MOP, यानी मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर, एक अत्यंत शक्तिशाली बम है, जिसका वजन करीब 30,000 पाउंड (लगभग 13,600 किलोग्राम) होता है। इसे विशेष रूप से अंडरग्राउंड ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस बम का निर्माण बेहद मजबूत स्टील एलॉय से किया गया है, जो इसे धरती की गहराई में सैकड़ों फीट तक घुसने की क्षमता प्रदान करता है। इसके बाद यह बम जमीन में घुसकर भीतर स्थित ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है, जो इसे एक अत्यधिक प्रभावी हथियार बनाता है।
जीपीएस-गाइडेड और B2 बॉम्बर की क्षमता
MOP बम GPS-गाइडेड होते हैं, जिससे इनका निशाना बेहद सटीक और प्रभावी होता है। अमेरिकी वायु सेना के मुताबिक, इस बम को केवल B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से गिराया जा सकता है। B2 बॉम्बर की खासियत यह है कि यह रडार से छुपकर बेहद लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है और हवा में ईंधन भरने के बाद अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है। इसकी स्टील्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करती है, जिससे यह बॉम्बर बिना किसी रुकावट के अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है।
200 फीट की गहराई तक घुसने की क्षमता
MOP बम की विशेषता यह भी है कि यह लगभग 200 फीट (लगभग 60 मीटर) तक की गहराई में घुसने की क्षमता रखता है, जिससे भूमिगत ठिकाने पूरी तरह से नष्ट हो सकते हैं। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में इस बम का विकास किया गया है, जिससे इसकी क्षमता और प्रभावशीलता और बढ़ गई है। यह बम अब पहले से ज्यादा प्रभावी और उन्नत हो चुका है, और युद्ध में इसके उपयोग की संभावना को भी बढ़ा दिया है।
B2 बॉम्बर्स की भूमिका
अमेरिकी वायु सेना के पास वर्तमान में 19 ऑपरेशनल B2 बॉम्बर हैं, जो अपनी सबसोनिक स्पीड के साथ लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं। इन बॉम्बर्स की रेंज बहुत लंबी होती है, जिससे यह किसी भी स्थान पर हमला करने में सक्षम होते हैं। 1990 के दशक में, कोसोवो युद्ध के दौरान, B2 बॉम्बर्स ने अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरकर सीधे अपने लक्ष्यों को निशाना बनाया था। इसके अलावा, 2017 में, दो B2 बॉम्बर्स ने 34 घंटे की उड़ान भरकर लीबिया में इस्लामिक स्टेट के कैंप्स पर हमला किया था।
इजरायल और अमेरिका का गठजोड़
हालांकि इजरायल ने गाजा, लेबनान और अब ईरान में हवाई हमलों में अमेरिकी बमों का इस्तेमाल किया है, लेकिन इजरायली लड़ाकू विमान इतने भारी बमों को ले जाने में सक्षम नहीं हैं। यही कारण है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू लगातार अमेरिका से ईरान के खिलाफ स्ट्राइक में शामिल होने की अपील कर रहे थे। उनके अनुसार, अगर अमेरिका इस हमले में शामिल होता है, तो यह ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा और इसे रोकने में मदद मिलेगी।