Liquor In Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच न सिर्फ राजनीति और संस्कृति में फर्क है, बल्कि शराब को लेकर सोच और कानून भी पूरी तरह अलग हैं। भारत में जहां शराब एक बड़ा और खुला व्यापार है, वहीं पाकिस्तान में यह कानूनी रूप से सीमित और धार्मिक रूप से प्रतिबंधित है। यहां शराब का न तो खुला बाजार है और न ही आम जनता के लिए इसकी पहुंच आसान है।
Murree Brewery: पाकिस्तान की इकलौती मान्यता प्राप्त शराब निर्माता
पाकिस्तान में शराब का आधिकारिक स्रोत है मुर्री ब्रुअरी (Murree Brewery) जो देश की सबसे पुरानी और एकमात्र लाइसेंस प्राप्त शराब कंपनी है। यह ब्रुअरी अंग्रेजी स्टाइल की बीयर, वोडका, व्हिस्की और जिन जैसी वैरायटीज़ बनाती है। लेकिन यह शराब हर किसी को नहीं मिलती। इसे केवल सरकारी लाइसेंस प्राप्त दुकानों, कुछ फाइव स्टार होटलों और चुनिंदा क्लबों में ही बेचा जाता है।
केवल गैर-मुस्लिमों को मिलती है कानूनी अनुमति | Liquor In Pakistan
पाकिस्तान में शराब की बिक्री पर धार्मिक आधार पर भी पाबंदी है। मुसलमानों के लिए शराब पीना कानूनन और धार्मिक रूप से निषिद्ध है। हालांकि, गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों जैसे ईसाई, हिंदू और पारसी को विशेष सरकारी अनुमति से शराब खरीदने और पीने की इजाजत होती है। इसके लिए उन्हें कंट्रोल सेल्स शॉप्स से लाइसेंस के आधार पर शराब मिलती है।
देसी शराब का खतरा: सस्ती लेकिन जानलेवा
सरकारी नियमों और लाइसेंसिंग के चलते पाकिस्तान में शराब की आपूर्ति बेहद सीमित है। इसी वजह से वहां अवैध रूप से बनी देसी शराब का बड़ा नेटवर्क तैयार हो गया है। यह शराब गांवों और छोटे कस्बों में बिना किसी मानक या सुरक्षा उपाय के बनाई जाती है।
यह सस्ती जरूर होती है, लेकिन कई बार इतनी खराब क्वालिटी की होती है कि इसके सेवन से सामूहिक मौतों तक की खबरें सामने आ चुकी हैं।
हर साल पाकिस्तान के किसी न किसी हिस्से से जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आती हैं, खासकर त्योहारों या किसी खास मौके पर जब इसकी डिमांड बढ़ती है।
होटल और क्लब: गुपचुप शराब का दूसरा रास्ता
शराब के सीमित और नियंत्रित बाजार के बीच कुछ होटल और क्लब ऐसे भी हैं, जिन्हें विशेष लाइसेंस प्राप्त होते हैं। ये स्थान आमतौर पर विदेशी नागरिकों और डिप्लोमैट्स के लिए होते हैं, जहां अंग्रेजी शराब परोसी जाती है। लेकिन कई बार स्थानीय लोग भी इन क्लबों के जरिए शराब हासिल कर लेते हैं, जो पूरी तरह कानूनी तो नहीं माना जा सकता।
पाबंदी के बावजूद नहीं थमी शराब की मौजूदगी
पाकिस्तान में शराब को लेकर कानून चाहे जितना सख्त हो, लेकिन सच्चाई यह है कि समाज में शराब गुपचुप तरीकों से मौजूद है। जहां एक ओर मुर्री ब्रुअरी जैसे वैध स्रोत सीमित वर्ग के लिए शराब मुहैया कराते हैं, वहीं दूसरी तरफ देसी शराब का अनकंट्रोल्ड कारोबार आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
और पढ़ें: Trump Tariffs: ‘भारत-रूस को हमने चीन के हाथों खो दिया’, टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप का तंजभरा एलान