Mohammed Nizamuddin: अमेरिका में एक और भारतीय की जान चली गई है और इस बार मामला बेहद चौंकाने वाला है। तेलंगाना के महबूबनगर जिले से ताल्लुक रखने वाले 30 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन की मौत अमेरिका में पुलिस की गोलीबारी में हो गई। निजामुद्दीन अमेरिका में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे। उनके परिवार का आरोप है कि मामूली झगड़े के मामले में पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के उन पर चार गोलियां चला दीं, जिससे मौके पर ही उनकी जान चली गई।
क्या था पूरा मामला? Mohammed Nizamuddin
यह घटना 3 सितंबर की है, लेकिन निजामुद्दीन के परिजनों को इसकी जानकारी कुछ दिनों बाद मिली। परिवार को गुरुवार सुबह एक दोस्त से खबर मिली कि उनके बेटे को अमेरिकी पुलिस ने गोली मार दी है। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन का अपने रूममेट के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। बात बढ़ते-बढ़ते चाकू दिखाने तक पहुंच गई, और पड़ोसियों ने पुलिस को बुला लिया।
जब सांता क्लारा पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्होंने बताया कि उन्हें एक “घातक हथियार” से हमले की सूचना मिली थी। पुलिस का दावा है कि निजामुद्दीन को रोकने के लिए उन्हें गोली चलानी पड़ी। लेकिन परिजनों का आरोप है कि बिना पूरी बात जाने और बिना किसी चेतावनी के, सीधे चार गोलियां दाग दी गईं, जो कहीं से भी न्यायसंगत नहीं लगता।
This morning, Chief Morgan held a news conference to discuss the September 3, 2025 officer involved incident. We’re sharing Chief Morgan’s news conference with the community. The investigation is ongoing and no further details are available at this time. pic.twitter.com/8IvbOQOVk6
— Santa Clara Police (@SantaClaraPD) September 5, 2025
One Mohammed Nizamuddin-29 years resident of Mahbubnagar District in Telangana State, who went to persue Masters in the USA and was living in Santa Clara in California was shot dead by police during a commotion with his roommates, His mortal remains are lying in a hospital in… pic.twitter.com/7S8zQFFjJU
— Amjed Ullah Khan MBT (@amjedmbt) September 18, 2025
कौन थे मोहम्मद निजामुद्दीन?
निजामुद्दीन 2016 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे। उन्होंने फ्लोरिडा से एमएस की पढ़ाई पूरी की और फिर एक नामी सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिल गई। कुछ सालों बाद उन्हें प्रमोशन मिला और वे कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गए। उनके पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने बताया कि बेटा एक मेहनती और शांत स्वभाव का इंसान था। उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि वो इस तरह किसी गोलीकांड का शिकार हो जाएगा।
परिवार की विदेश मंत्री से भावुक अपील
मोहम्मद निजामुद्दीन की अचानक मौत से उनका पूरा परिवार सदमे में है। उनके माता-पिता ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भावुक अपील की है कि उनके बेटे का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत लाने में मदद की जाए। उन्होंने विदेश मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास और अधिकारियों से तत्काल दखल की मांग की गई है। पिता ने कहा – “हमें अब तक नहीं पता कि पुलिस ने उसे गोली क्यों मारी?”
फिलहाल उनका शव कैलिफोर्निया के सांता क्लारा के एक अस्पताल में रखा गया है और परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट या किसी भी आधिकारिक जानकारी का इंतजार है। इस बीच, भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
हाल ही में हुई थी एक और भारतीय की हत्या
ये पहला मामला नहीं है। कुछ दिन पहले ही टेक्सास के डलास में एक और भारतीय नागरिक चंद्र मौली ‘बॉब’ नागमल्लैया की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनकी गर्दन उनके ही बच्चे और पत्नी के सामने काट दी गई थी। हत्या का आरोपी क्यूबा का अवैध प्रवासी था, जिसका आपराधिक इतिहास पहले से ही रहा है।
लगातार बढ़ते हमलों से चिंता में भारतीय समुदाय
लगातार भारतीय मूल के नागरिकों पर हमलों और हिंसक घटनाओं ने अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय में डर और चिंता पैदा कर दी है। चाहे गोलीबारी हो या बर्बर हत्या, इन घटनाओं से साफ है कि प्रवासियों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है।
