Nepal Gen-Z Protest Update: नेपाल इन दिनों जबरदस्त राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। सरकार की नीतियों से नाराज़ युवाओं और छात्रों का गुस्सा अब पूरे देश में भड़क चुका है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के देश छोड़ने की खबरें सामने आ रही हैं। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम ओली इलाज के बहाने दुबई रवाना हो सकते हैं। ये खबर ऐसे समय आई है जब देश में जगह-जगह प्रदर्शन और हिंसा का माहौल है।
दरअसल, पिछले दो दिनों से नेपाल में छात्र और युवा भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर हैं। सोमवार को शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को और ज़्यादा उग्र हो गया। सरकार की तरफ से फायरिंग और बल प्रयोग ने प्रदर्शनकारियों के गुस्से को और भड़का दिया है। अब तक करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा घायल हैं। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
पीएम ओली के दुबई जाने की तैयारी? Nepal Gen-Z Protest Update
सूत्रों के मुताबिक, पीएम ओली की तबीयत खराब होने की बात कहकर उन्हें दुबई भेजने की तैयारी की जा रही है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये सिर्फ एक बहाना है, असल में ओली खुद को बचाने के लिए नेपाल से बाहर जाना चाहते हैं। उनके नजदीकी सूत्रों के हवाले से खबर है कि हिमालय एयरलाइंस का एक प्लेन स्टैंडबाय पर रखा गया है, जो उन्हें किसी भी वक्त दुबई ले जा सकता है।
त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (TIA) को हाई अलर्ट पर रखा गया है और कर्मचारियों को वीआईपी मूवमेंट को संभालने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। एयरपोर्ट से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “एक अनौपचारिक निर्देश जारी हुआ है कि कई नेता देश छोड़ सकते हैं, इसलिए चौकसी बढ़ा दी गई है।”
बड़े नेताओं के घरों पर हमले, राष्ट्रपति का आवास फूंका
प्रदर्शन अब केवल नारों और मार्च तक सीमित नहीं है, ये सीधा नेताओं के घरों तक पहुंच गया है। काठमांडू में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया और वहां आगजनी कर दी। इसी तरह पूर्व उप-प्रधानमंत्री रघुवीर महासेठ के जनकपुर स्थित घर पर भी पथराव किया गया।
इतना ही नहीं, नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के आवास को भी प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया। उनके घर में तोड़फोड़ की गई और आधा दर्जन से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। आपको बता दें कि नेपाली कांग्रेस, ओली सरकार की गठबंधन सहयोगी पार्टी है।
सरकार में टूट, 21 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
नेपाल में आंदोलन का असर राजनीतिक स्तर पर भी दिखाई देने लगा है। अब तक गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री समेत 10 कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने भी संसद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के नेता रवि लामिछाने ने कहा कि अब संसद भंग कर नए चुनाव कराए जाने चाहिए, ताकि जनता को नया और भरोसेमंद नेतृत्व मिल सके।
ओली के इस्तीफे की मांग से नहीं हट रहे छात्र
वहीं, सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाए गए 26 प्लेटफॉर्म्स पर बैन को वापस ले लिया है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब छात्रों की मांग सिर्फ सोशल मीडिया की आज़ादी नहीं रह गई है। वे ओली सरकार के पतन की मांग कर रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक ओली इस्तीफा नहीं देंगे, आंदोलन रुकेगा नहीं।
आंदोलन बना बड़ा जनआंदोलन
आपको बता दें, पहले यह विरोध सिर्फ ज़ेन-ज़ी युवाओं का आंदोलन माना जा रहा था, लेकिन अब इसमें आम जनता, राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन भी जुड़ चुके हैं। विरोध अब भ्रष्टाचार, जवाबदेही की कमी, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले और सत्ता में बैठे लोगों के ऐशोआराम के खिलाफ एक जनआंदोलन बन गया है।
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