Nimisha Priya Yemen Case: निमिषा प्रिया की फांसी टलने के बावजूद तलाल महदी के परिवार का गुस्सा बढ़ा, मीडिया रिपोर्ट्स पर नाराजगी

Nimisha Priya Yemen Case
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Nimisha Priya Yemen Case: यमन की राजधानी सना में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा भले ही कुछ समय के लिए टल गई हो, लेकिन अब भी उसके ऊपर मौत का खतरा मंडरा रहा है। निमिषा ने यमन में एक शख्स, तलाल अब्दो महदी की हत्या की थी, और अब उसके परिवार का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में तलाल के परिवार को ब्लड मनी यानी मुआवजे के रूप में पैसे दिए जाने की चर्चा हो रही है, जिससे तलाल के भाई को यह महसूस हो रहा है कि लोग उनके भाई को न्याय दिलाने के बजाय पैसे पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। यही वजह है कि तलाल का परिवार अब और भी गुस्से में है, और स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।

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ब्लड मनी की चर्चा ने बढ़ाई नाराजगी- Nimisha Priya Yemen Case

तलाल महदी के परिवार का गुस्सा उस समय और बढ़ गया, जब मीडिया में यह खबर फैल गई कि उन्हें 10 लाख डॉलर यानी लगभग 8.5 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे, ताकि वे निमिषा प्रिया की फांसी की सजा माफ कर दें। तलाल के भाई अब्देलफत्ताह महदी को यह बहुत दुखद और अपमानजनक लगा, क्योंकि वे महसूस कर रहे हैं कि उनका भाई न्याय पाने के बजाय पैसों के लिए चर्चा का विषय बन रहा है।

सैमुएल जेरोम का प्रयास और परिवार से संवाद

इस बीच, निमिषा की सजा को टालने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे सोशल वर्कर सैमुएल जेरोम ने ‘एनडीटीवी’ से बातचीत करते हुए तलाल महदी के परिवार की नाराजगी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो कुछ कहा जा रहा है, वह तलाल के परिवार के लिए एक बड़ा झटका था। जेरोम ने कहा कि जब वे तलाल के परिवार से मिले थे, तो उन्होंने सिर्फ दया की भीख मांगी थी, न कि पैसे की। जेरोम ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में पैसे का कोई सवाल नहीं है और न ही कोई सौदा किया जाएगा।

मीडिया की गलतफहमियां और सच्चाई

सैमुएल जेरोम ने आगे कहा कि यह शब्द ‘ब्लड मनी’ बिल्कुल गलत है और इसे लेकर लोगों को सही जानकारी मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत में कुछ लोग यह समझ रहे हैं कि बात सिर्फ पैसे पर हो रही है, जबकि तलाल के परिवार के साथ उनकी मुलाकातों में उन्होंने कभी भी पैसे का जिक्र नहीं किया। जेरोम ने कहा, “मैंने तलाल के भाई और उसके पिता से कई बार मुलाकात की, और उनके सामने कभी यह नहीं कहा कि आप कितने पैसे लेंगे। हम सिर्फ माफी मांग रहे थे, और उन्हें दया की उम्मीद थी।”

बातचीत की प्रक्रिया में आया अवरोध

जेरोम ने यह भी कहा कि तलाल के परिवार के साथ आठ सालों में धीरे-धीरे विश्वास बना था, और हर सुनवाई के बाद वे एक दूसरे से मिलते थे। लेकिन अब मीडिया में फैली हुई अफवाहों ने उस विश्वास को हिला दिया है। तलाल के भाई की नाराजगी और गुस्से से स्थिति और भी बिगड़ गई है, और अब जेरोम को यह चिंता है कि उनकी कोशिशों पर असर पड़ सकता है। जेरोम ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि अब तलाल के परिवार के साथ संवाद कैसे होगा, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वे फिर से बातचीत करके स्थिति को शांत कर पाएंगे।

निमिषा की सजा और भविष्य की अनिश्चितता

इस बीच, निमिषा प्रिया की फांसी की सजा अब भी टली हुई है, लेकिन उसके ऊपर हमेशा ही खतरा मंडराता रहेगा। यमन में चल रहे इस मामले में सच्चाई और दया के बीच की जंग जारी है, और यह देखना होगा कि तलाल महदी के परिवार के गुस्से के बावजूद क्या मामला सुलझाया जा सकता है। जेरोम और अन्य सोशल वर्कर्स का मुख्य उद्देश्य निमिषा की सजा को माफ करवाना है, लेकिन इसके लिए तलाल के परिवार की सहमति बेहद महत्वपूर्ण है। अब यह देखना होगा कि क्या सैमुएल जेरोम और अन्य लोग इस जटिल स्थिति में तलाल महदी के परिवार को फिर से बातचीत के लिए राजी कर पाएंगे।

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