Pakistan Airstrike on Kabul: गुरुवार रात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जो कुछ हुआ, उसने एक बार फिर पूरे क्षेत्र को चिंता में डाल दिया। रात करीब 12 बजे शहर के पूर्वी इलाकों, खासकर डिस्ट्रिक्ट 8 और अब्दुलहक चौक के आसपास तेज धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। यह क्षेत्र न सिर्फ अफगान सरकार के कुछ अहम दफ्तरों के पास है, बल्कि आबादी वाला इलाका भी है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमानों की तेज आवाजें, फिर एक के बाद एक जोरदार धमाके और उसके बाद गोलियों की आवाजें, यह सब कुछ एक संभावित एयरस्ट्राइक की ओर इशारा करता है। हालांकि, अभी तक इस हमले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और ना ही किसी ने इसकी जिम्मेदारी ली है।
टीटीपी के ठिकाने पर निशाना? Pakistan Airstrike on Kabul
अफगान मीडिया में आ रही शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये हमले एक विशेष कंपाउंड को निशाना बनाकर किए गए, जहां टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के कुख्यात नेता नूर वली महसूद के छिपे होने की सूचना थी। महसूद पाकिस्तान का नागरिक था और उस पर देश में कई आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है।
हालांकि अफगान तालिबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “काबुल शहर में धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हालात नियंत्रण में हैं और जांच जारी है। अभी तक किसी तरह की जनहानि की कोई रिपोर्ट नहीं है।”
⚡️ Airstrikes SHAKE Kabul – fighter jets heard over Afghan capital
Nobody’s claimed responsibility yet, but Pakistan accused Taliban of sheltering terrorists earlier today
Defense Minister Asif said patience with Taliban ‘has now reached its limit’ pic.twitter.com/TdpzKij2hp
— RT (@RT_com) October 9, 2025
मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान धमाके: संयोग या संदेश?
इस हमले का समय भी खासा मायने रखता है। ठीक उसी दिन, अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत पहुंचे थे। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है, जिसे कूटनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। ऐसे में काबुल में धमाके होना केवल संयोग नहीं लगता। यह किसी भी पक्ष की ओर से स्पष्ट संदेश देने की कोशिश हो सकती है।
पाकिस्तान की एक दिन पहले की चेतावनी
इन धमाकों से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में अफगानिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, “अब बहुत हो गया है, अफगान धरती से आतंकवाद अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने दावा किया कि अफगानिस्तान की जमीन पर 6,000 से 7,000 आतंकियों की मौजूदगी है, जो पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
आसिफ ने यह भी खुलासा किया कि कुछ साल पहले जब पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल काबुल गया था, तब अफगान पक्ष ने इन आतंकियों को हटाने के बदले वित्तीय सहायता मांगी थी। पाकिस्तान ने इस मांग को खारिज कर दिया और अब उसके बाद यह हमला एक जवाबी कार्रवाई की तरह देखा जा रहा है।
बढ़ता क्षेत्रीय तनाव
अब जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्ते हैं, यह घटना दोनों देशों के बीच नए टकराव की भूमिका तैयार कर सकती है। एक ओर पाकिस्तान आतंकियों की मौजूदगी को लेकर नाराज है, वहीं तालिबान सरकार किसी भी प्रकार की संप्रभुता पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी।
हालांकि फिलहाल दोनों देशों की ओर से औपचारिक बयानों में संयम देखा जा रहा है, लेकिन जमीन पर हालात किसी संभावित सैन्य टकराव की आहट दे रहे हैं।