Pakistan-Bangladesh visa-free deal: बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हाल ही में एक समझौता हुआ है, जिसमें दोनों देशों ने डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट रखने वाले नागरिकों को वीजा-फ्री एंट्री देने का निर्णय लिया है। इस डील का मतलब है कि अब पाकिस्तान के अधिकारी बिना वीजा के बांग्लादेश की सरज़मीन पर आ-जा सकते हैं। यह कदम भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इस समझौते के जरिए पाकिस्तान अपनी आतंकवादी गतिविधियों को और बढ़ा सकता है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश का सहयोग- Pakistan-Bangladesh visa-free deal
खबरों की मानें तो, यह समझौता ढाका में पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी और बांग्लादेश के गृहमंत्री रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी के बीच हुआ। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश के नए शासक मोहम्मद यूनुस ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया, लेकिन भारत के लिए यह कदम बेहद खतरनाक है। पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदलते हुए बांग्लादेश को आतंकियों और जासूसों के भेजने के लिए एक नया रास्ता बना लिया है, जिससे भारत को गंभीर खतरा हो सकता है।
पाकिस्तान का आतंकवाद फैलाने का इतिहास
पाकिस्तान की आतंकवाद फैलाने की भूमिका कोई नई बात नहीं है। दशकों से पाकिस्तान कश्मीर और पीओके सीमा के जरिए आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने में शामिल रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन सिंदूर जैसे सख्त कदमों के जरिए पाकिस्तान की इन गतिविधियों को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया था। लेकिन अब पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदलते हुए बांग्लादेश की सीमा को चुना है, जहां भारत की निगरानी कम है।
भारत के लिए नई सुरक्षा चुनौती
नई वीजा-फ्री डील के जरिए पाकिस्तान अपनी आतंकवादी गतिविधियों को बांग्लादेश के रास्ते भारत तक पहुंचा सकता है। डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के एजेंट्स और प्रशिक्षित आतंकियों को बांग्लादेश भेजा जा सकता है, जहां से वे भारत में प्रवेश कर सकते हैं। यह पाकिस्तान को भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों को सीधे तौर पर अंजाम देने से बचने का मौका देगा।
बांग्लादेश और पाकिस्तान का कुटिल गठबंधन
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते हुए इस गठबंधन में एक और बड़ी बात है। बांग्लादेश के वर्तमान शासक मोहम्मद यूनुस, पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के भी करीबी माने जा रहे हैं। हाल ही में उनके चीन दौरे के दौरान उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लैंडलॉक क्षेत्र बताकर यह दावा किया कि बांग्लादेश को समुद्र तक पहुंचने के लिए चीन को जरूरत है। यह बयान चीन के विस्तारवादी एजेंडे को बढ़ावा देता है और भारत के लिए एक नया खतरा उत्पन्न करता है।
भारत को तीन तरफ से घेरने की साजिश
भारत के लिए अब स्थिति और भी गंभीर हो गई है। उसे तीन तरफ से सामरिक और रणनीतिक घेराबंदी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान पश्चिम से, चीन उत्तर से, और बांग्लादेश अब पूर्व से भारत को घेरने की चाल चल रहे हैं। भारत के पूर्वोत्तर राज्य, जो केवल 22 किलोमीटर चौड़े चिकन नेक कॉरिडोर के जरिए मुख्यभूमि से जुड़े हुए हैं, पहले ही चीन की नजरों में हैं, और अब बांग्लादेश भी इस घेराबंदी में शामिल हो गया है।
भारत को अपनी सुरक्षा रणनीतियों पर फिर से विचार करना होगा
वहीं, भारत को अब अपनी सीमाओं की सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत करने की जरूरत है। यह डील केवल वीजा की सुविधा नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक आवरण में छिपी आतंकवादी साजिश है। भारत को अब अपनी सुरक्षा रणनीतियों को फिर से परखने की आवश्यकता है, ताकि वह पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन की बढ़ती घेराबंदी से बच सके और अपनी सांप्रभुता की रक्षा कर सके।