Pakistan Protest: पाकिस्तान में बीते पांच दिनों से हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। गाजा पीस प्लान को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है और लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) पार्टी की अगुवाई में हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों ने अब हिंसक रूप ले लिया है। पार्टी का आरोप है कि सरकार और पुलिस की कार्रवाई में अब तक 250 से ज्यादा कार्यकर्ता और नेता मारे जा चुके हैं, जबकि 1,500 से अधिक घायल हुए हैं।
क्यों भड़का विरोध? Pakistan Protest
दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा पेश किए गए गाजा पीस प्लान का समर्थन किया है, जिसे लेकर देश के भीतर कई धार्मिक और राजनीतिक संगठन नाराज़ हैं। TLP ने इस फैसले का तीखा विरोध किया है। पार्टी प्रमुख साद हुसैन रिजवी ने सरकार के खिलाफ, गाजा के समर्थन और इजराइल के विरोध में एक लंबा मार्च लाहौर से इस्लामाबाद तक निकाला। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़पें हुईं, जिसमें साद रिजवी खुद भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
🔥Breaking News🔥
Massive crackdown by Pakistan Security forces against a Pro Palestine rally in Punjab Pakistan ,
Reports of hundreds of protesters dead and thousands injured and the leader Saad Rizvi shot multiple times and severly injured pic.twitter.com/XqsgS48xyu
— L.M (@PGTAnalytics) October 13, 2025
पार्टी प्रवक्ता के मुताबिक, रिजवी को तीन गोलियां लगी हैं और उनकी हालत काफी नाजुक है। उन्हें पास के मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई और हिंसा
सोमवार को पंजाब प्रांत के कई इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़पें हुईं। खासकर मुरिदके में हालात बेहद बिगड़ गए, जहां प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया। हालांकि इसके जवाब में TLP समर्थकों ने भी जमकर प्रतिरोध किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऑपरेशन की शुरुआत रात 2 बजे हुई और सुबह 7 बजे तक हिंसा जारी रही।
इस दौरान दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं। TLP ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन पर सीधा फायरिंग की, जबकि मीडिया कवरेज पर भी बैन लगा दिया गया है। पार्टी का कहना है कि अब तक 170 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
आपको बता दें, इस विरोध की चिंगारी तब भड़की जब गुरुवार देर रात पुलिस ने लाहौर स्थित TLP मुख्यालय पर छापा मारा और पार्टी प्रमुख साद रिजवी को गिरफ्तार करने की कोशिश की। हालांकि, साद उस समय वहां से निकलने में सफल रहे, लेकिन इसके बाद पुलिस और समर्थकों के बीच जमकर झड़प हुई। हालात को देखते हुए प्रशासन ने कई शहरों की सड़कें बंद कर दीं और खासतौर पर रेड जोन एरिया जहां विदेशी दूतावास और सरकारी दफ्तर हैं, को पूरी तरह सील कर दिया।
कौन है साद रिजवी और TLP?
TLP की स्थापना साल 2015 में खादिम हुसैन रिजवी ने की थी, जो मूल रूप से पंजाब के धार्मिक विभाग में काम करते थे। 2011 में उन्होंने सलमान तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी का खुलकर समर्थन किया, जिसके चलते उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी बनाई और ईशनिंदा, फ्रांस विरोधी अभियान जैसे मुद्दों को लेकर कई बार देशव्यापी प्रदर्शन किए।
खादिम रिजवी की मौत के बाद 2021 में उनके बेटे साद हुसैन रिजवी ने TLP की कमान संभाली और आज वे पार्टी के मुखर नेता हैं।