Pakistan-Us Delegation India Strike: भारत द्वारा किए गए मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है। पाकिस्तान को अब अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही है और उसने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अमेरिका से एडवांस हथियारों की मांग की है। इस संदर्भ में, पाकिस्तान का एक 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों वॉशिंगटन में है, जहां वे अमेरिकी अधिकारियों से वायु रक्षा प्रणाली और लड़ाकू विमान की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री मुसादिक मलिक ने इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि पाकिस्तान अब भारत के खिलाफ अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर है और इसी कारण वह अमेरिकी हथियारों की मांग कर रहा है।
पाकिस्तान की स्थिति और भारत का प्रभाव- Pakistan-Us Delegation India Strike
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने खुद माना है कि भारत का मिसाइल हमला उनके लिए बेहद गंभीर था और इसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। पाकिस्तान के मंत्री मुसादिक मलिक का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “भारत 80 फाइटर जेट के साथ आया था और हर जेट में 5 मिसाइलें थीं, जिनमें से कुछ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थीं। 400 मिसाइलों के साथ अगर भारत हमला करता, तो पाकिस्तान का क्या होता, यह सोचकर भी डर लगता है। अगर हमारे पास वायु रक्षा प्रणाली नहीं होती, तो हम मलबे में दबे होते।”
⚡ Pakistani delegation in the US is begging the US to provide them with air defence systems and fighter jets so that they can escape from the Indian aircraft which have advanced technology and which have destroyed their airbases. pic.twitter.com/d5naqTvgSr
— OSINT Updates (@OsintUpdates) June 7, 2025
भारत की एडवांस तकनीक और पाकिस्तान की मजबूरी
मलिक ने आगे कहा कि भारत की तकनीक अत्यधिक उन्नत है, और यही कारण है कि पाकिस्तान को अमेरिका से इस तरह के हथियारों की जरूरत महसूस हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि “हम भारत से ऐसी तकनीक नहीं ले सकते, लेकिन हम उसे अमेरिका से खरीदने के लिए तैयार हैं।” यह बयान पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को दर्शाता है, क्योंकि एक तरफ पाकिस्तान का प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने देशवासियों के सामने जीत का दावा कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ उनके मंत्री अमेरिका से मदद मांग रहे हैं।
पाकिस्तान की दुविधा और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ सैन्य टकराव के बाद अपने देश के लोगों के सामने यह दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत पर विजय प्राप्त की है। हालांकि, पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री का यह बयान इस दावे के बिल्कुल विपरीत है। यह स्थिति पाकिस्तान की दुविधा को और स्पष्ट करती है, जहां एक ओर प्रधानमंत्री जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं उनके मंत्री देश की सुरक्षा के लिए अमेरिका से मदद मांग रहे हैं।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने इस सैन्य टकराव के बाद अपने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल की उपाधि भी दी, जो यह दर्शाता है कि पाकिस्तान ने अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन फिर भी वह विदेशी मदद की तलाश में है।
अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्ते
पाकिस्तान का यह कदम भारत के खिलाफ अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं को उजागर करता है। अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत करने और उनसे मदद मांगने का यह निर्णय पाकिस्तान के लिए एक नया मोड़ है, क्योंकि वह अब अपनी रक्षा को और मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की तलाश में है। यह पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि उसे अपनी सुरक्षा को लेकर कोई भी गलती नहीं करने का खतरनाक जोखिम उठाना होगा।