Pakistan–US Ties: डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सियासी गर्माहट के बीच एक बड़ी आर्थिक खबर ने पाकिस्तान की सरकार को थोड़ी राहत दी है। मशहूर अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने बुधवार को पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान ऊपर उठाते हुए ‘Caa2’ से ‘Caa1’ कर दिया। इसका मतलब ये है कि अब पाकिस्तान की आर्थिक साख में मामूली सुधार माना जा रहा है, हालांकि ये अभी भी जोखिम वाले देशों की श्रेणी में बना हुआ है।
क्यों बढ़ी रेटिंग? (Pakistan–US Ties)
मूडीज ने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तान की बाहरी वित्तीय स्थिति में कुछ सुधार देखा गया है, खासकर IMF की मदद के बाद। पाकिस्तान को हाल ही में IMF से करीब 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला, जिससे वहां की इकॉनमी को थोड़ी स्थिरता मिली है। मूडीज का मानना है कि अब पाकिस्तान की स्थिति पहले से बेहतर है और वो अपने कर्ज चुकाने की दिशा में कुछ प्रगति कर रहा है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने भी हाल ही में इस्लामाबाद में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं और इसी के आधार पर केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दर को 11% से नीचे लाने पर विचार कर सकता है। यह फैसला आम जनता और कारोबारियों को थोड़ी राहत दे सकता है।
बॉन्ड बाजार में भी दिखा असर
रेटिंग बढ़ने का असर पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड्स पर भी पड़ा है। बॉन्ड्स की कीमत 1 सेंट बढ़कर 90-100 सेंट तक पहुंच गई है, जो कि साल 2022 के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है। उस समय पाकिस्तान आर्थिक संकट की वजह से काफी कमजोर स्थिति में था और उसके बॉन्ड्स की कीमत गिरकर 30 सेंट तक पहुंच गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अब फिच, एसएंडपी और मूडीज तीनों की तरफ से रेटिंग में इजाफा हुआ है, जिससे पाकिस्तान को विदेशी कर्ज जुटाने में थोड़ी आसानी हो सकती है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दावा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे अपनी सरकार की आर्थिक नीतियों की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि ये सुधार इस बात का संकेत है कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है। हालांकि, मूडीज ने भी चेताया है कि देश में अब भी राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर गवर्नेंस एक बड़ी चुनौती है।
अब क्या बदलेगा?
Caa1 की रेटिंग से पाकिस्तान को दो प्रमुख फायदे हो सकते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा थोड़ा बढ़ेगा, जिससे पाकिस्तान को निवेश और लोन मिलने में मदद मिल सकती है।
- नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनती है, जिससे मार्केट में नकदी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में कुछ गति आ सकती है।
हालांकि मूडीज ने साफ किया है कि ये सुधार सीमित है, और पाकिस्तान की स्थिति अभी भी कमजोर बनी हुई है। यह रेटिंग अब भी उस श्रेणी में आती है, जिसे ‘हाई रिस्क’ (उच्च जोखिम वाला) माना जाता है।
ट्रंप और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां
इस रेटिंग सुधार के बीच डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के बीच बढ़ती राजनीतिक बातचीत भी चर्चा में है। माना जा रहा है कि अगर ट्रंप अमेरिका की सत्ता में बने रहते हैं, तो पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से कुछ और फायदे मिल सकते हैं, जो उसकी अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल सकते हैं।
कुल मिलाकर पाकिस्तान के लिए मूडीज की रेटिंग में सुधार एक सकारात्मक संकेत जरूर है, लेकिन ये कोई बड़ा आर्थिक बदलाव नहीं है। देश को अभी भी राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक सुधार और मजबूत नीति निर्माण की सख्त ज़रूरत है। IMF की मदद से मिला यह संजीवनी मौका है, जिसका सही इस्तेमाल करना अब पाकिस्तान की अगली चुनौती है।