Russia Earthquake: रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में आज एक शक्तिशाली भूकंप ने धरती को हिलाकर रख दिया। यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 8.8 की तीव्रता से मापा गया, जो 1952 के बाद से इस क्षेत्र में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप ने न सिर्फ रूस के कामचटका प्रायद्वीप को हिलाया, बल्कि आसपास के देशों में भी सुनामी के खतरे को बढ़ा दिया। भूकंप के बाद समुद्र में सुनामी की लहरें उठने लगीं, और जापान से लेकर कैलिफोर्निया तक तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया।
कभी नहीं देखी गई ताकत से हिली धरती- Russia Earthquake
रूसी विज्ञान अकादमी की भूभौतिकीय सेवा की कामचटका शाखा के अनुसार, बुधवार को आया यह भूकंप प्रायद्वीप में 1952 के बाद से सबसे शक्तिशाली था और इसने तटों पर सुनामी लहरें पैदा कीं। इसके बाद भूभौतिकीय सेवा ने एक चेतावनी जारी की, जिसमें कहा गया कि भूकंप के बाद 7.5 तक के आफ्टरशॉक्स (झटके) आ सकते हैं, जो अगले महीने तक जारी रह सकते हैं। यह एक प्रकार से भविष्य में और भी तबाही का संकेत है, जिससे पूरी दुनिया की नजरें इस क्षेत्र पर टिकी हैं।
“What would happen if the Ring of Fire exploded?” pic.twitter.com/zuqfbdDoSm
— Concerned Citizen (@BGatesIsaPyscho) July 23, 2025
रिंग ऑफ फायर: धरती का असली ‘विलेन’
आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह भूकंप रिंग ऑफ फायर के अंतर्गत आया। रिंग ऑफ फायर पृथ्वी का वह क्षेत्र है जहां सक्रिय ज्वालामुखी और भूकंप की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। यह क्षेत्र प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है और इसमें 40,000 किलोमीटर से ज्यादा का इलाका शामिल है। यहां पृथ्वी की लिथोस्फेरिक प्लेट्स की टकराहट और हलचल के कारण भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। यहां से होने वाली घटनाओं को ‘नेचर का असली विलेन’ भी कहा जाता है, क्योंकि ये न केवल भूकंप, बल्कि सुनामी और ज्वालामुखी के रूप में विनाशकारी प्रभाव डालते हैं।
रूस के सुदूर पूर्वी कामचात्का प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आने के बाद जापान के होक्काइडो के तट पर विशाल लहरें देखी गईं।#Russia #earthquake #Tsunami #Japan pic.twitter.com/Lf0iBxA5dy
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) July 30, 2025
Roofs COLLAPSING, streets SHAKING
The earthquake’s menacing POWER in full display pic.twitter.com/Kk8atX4o6C
— RT (@RT_com) July 30, 2025
इस क्षेत्र में 90% भूकंप होते हैं और 75% सक्रिय ज्वालामुखी भी इसी क्षेत्र में स्थित हैं। रिंग ऑफ फायर पर बसे देशों में जापान, रूस, अमेरिका, चिली, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, और अन्य प्रशांत तटीय देश शामिल हैं। इन देशों के लिए यह क्षेत्र हमेशा एक बड़ा खतरा बना रहता है, क्योंकि यहां हर समय भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होने की संभावना रहती है।
आफ्टरशॉक्स का खतरा, पूरी दुनिया को सतर्क रहने की जरूरत
भूकंप के बाद के आफ्टरशॉक्स के खतरे को लेकर रूसी साइंस एकेडमी की जियोफिजिक्स सर्विस ने चेतावनी दी है कि इन झटकों से इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है और लोगों में भय भी उत्पन्न हो सकता है। यह आफ्टरशॉक्स कभी भी हो सकते हैं और यह एक महीने तक जारी रह सकते हैं, जिससे चिंता की स्थिति बनी हुई है। विशेषज्ञों ने सभी नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है।
आगे क्या होगा?
भूकंप के बाद, रूस और जापान सहित अन्य प्रभावित देशों को अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है। सुनामी और आफ्टरशॉक्स के खतरे के बीच, विशेषज्ञों और आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह से सक्रिय रहना होगा, ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके। साथ ही, यह घटना हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अपनी तैयारियों और प्रतिक्रिया योजनाओं को फिर से जांचने की जरूरत का अहसास भी दिलाती है।