Russia Indian Population: रूस इन दिनों सिर्फ भारत के साथ अपनी कूटनीतिक सक्रियता की वजह से सुर्खियों में नहीं है, बल्कि अपने देश के अंदर तेजी से बदलती धार्मिक डेमोग्राफी की वजह से भी चर्चा में है। ताज़ा अनुमान बताते हैं कि रूस में इस्लाम बेहद तेज़ी से बढ़ रहा है और 2025 तक वहां की कुल आबादी लगभग 14.30 करोड़ में से करीब 2.14 करोड़ यानी लगभग 15% लोग मुस्लिम हैं। हालांकि आधिकारिक जनगणना धर्म के आधार पर नहीं होती, इसलिए ये आंकड़े अलग-अलग रिपोर्ट्स और स्वतंत्र रिसर्च संस्थानों पर आधारित हैं। प्यू रिसर्च सेंटर तो यहां तक अनुमान लगा रहा है कि 2030 तक रूस की मुस्लिम आबादी 18.6 मिलियन पहुंच सकती है।
यह स्थिति वहां अचानक नहीं बनी। इसकी जड़ें सोवियत यूनियन के दौर में छिपी हैं, जब धर्म के पालन पर काफी सख्ती थी और मुस्लिम समुदाय अपनी परंपराएं दबाकर निभाने को मजबूर था। 1991 में USSR के टूटने के बाद हालात तेजी से बदले और मुस्लिम समुदाय ने फिर से अपनी पहचान खोली। इसके बाद वहां मुस्लिम आबादी लगातार बढ़ती गई।
कैसे बढ़ी रूस में मुस्लिम आबादी? दो बड़ी वजहें (Russia Indian Population)
पोनर्स यूरेशिया की रिपोर्ट बताती है कि 1990 के दशक की शुरुआत में रूस की आबादी लगभग 14.8 करोड़ थी और उसमें 14–16 मिलियन यानी करीब 10% मुस्लिम थे। अगले तीन दशकों में उनकी जनसंख्या में तेज़ उछाल आया और इसके पीछे दो प्रमुख वजहें रहीं:
- अधिक जन्म दर:
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों चेचन्या, दागेस्तान, तातारस्तान में जन्म दर राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा रही। जहां पूरे रूस में यह दर 1.4 बच्चों प्रति महिला के आसपास रही, वहीं मुस्लिम इलाकों में यह लगभग 2.3 थी। यही कारण है कि रूस की घटती आबादी के बीच मुस्लिम समुदाय लगातार बढ़ता गया। - मध्य एशिया से भारी माइग्रेशन:
उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और कजाकिस्तान से लाखों लोग नौकरी की तलाश में रूस पहुंचे। इनमें से अधिकांश मुसलमान थे। 2010 तक सिर्फ मॉस्को में ही 10 लाख से ज्यादा मुस्लिम बस गए थे।
VCIOM के सर्वे के मुताबिक 7% रूसी खुद को मुस्लिम बताते हैं, लेकिन रूस के चीफ मुफ्ती रवील गैनुटदिन के अनुसार यह संख्या कुल आबादी का 17% तक हो सकती है यानी करीब ढाई करोड़ मुसलमान।
रूस की धार्मिक तस्वीर: ईसाई सबसे ऊपर, हिंदू बेहद कम
रूस में ईसाई धर्म अब भी सबसे बड़ा धर्म है। अनुमान के मुताबिक लगभग 47.4% लोग ईसाई हैं, जिनमें ज्यादातर ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स समुदाय से आते हैं। गैर-ईसाई धर्मों में मुस्लिमों की भागीदारी सबसे ज्यादा है।
इसके अलावा,
- बौद्ध: 2%
- अन्य धर्म: 1% से भी कम
- किसी धर्म को न मानने वाले: 15–20%
हिंदू आबादी रूस में बेहद कम है लगभग 0.01%। इनमें से ज्यादातर लोग भारतीय प्रवासी, योग और वैदिक संस्कृति से जुड़े समूह या भारत-रूस सांस्कृतिक संस्थानों से जुड़े लोग हैं।
कितने भारतीय रहते हैं रूस में?
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समय दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद यह उनका पहला भारत दौरा है, इसलिए दिल्ली में सुरक्षा और प्रोटोकॉल बेहद कड़े हैं। भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने और मजबूत हैं, लेकिन कई लोगों को यह जानकर हैरानी होती है कि रूस में भारतीयों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है।
ताज़ा आकलनों के अनुसार रूस में लगभग 14 हजार भारतीय रहते हैं। इसके अलावा, लगभग 1500 भारतीय मूल के अफगान भी वहां बसे हुए हैं। भारत में रहने वाले रूसी नागरिकों की संख्या 6 हजार से 15 हजार के बीच है
दूसरे देशों से तुलना करें तो
- अमेरिका: 54 लाख भारतीय
- ब्रिटेन: 19 लाख
- यूएई: 43 लाख
- सऊदी अरब: 30 लाख
- रूस: मात्र 14 हजार
यानी रूस में भारतीय समुदाय आकार में छोटा है, लेकिन प्रभावशाली माना जाता है।
मॉस्को: भारतीयों का सबसे बड़ा केंद्र
भारतीय दूतावास के अनुसार रूस में लगभग 500 भारतीय बिजनेस प्रोफेशनल सक्रिय हैं, जिनमें से 200 से अधिक मॉस्को में काम करते हैं। करीब 300 भारतीय कंपनियाँ रूस में पंजीकृत हैं, जो चाय, कॉफी, दवाइयों, मसालों, धान, आईटी उत्पादों से लेकर चमड़े के सामान तक का व्यापार करती हैं। कुछ कंपनियाँ खनिज, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा में भी संयुक्त उद्यम चला रही हैं।
रूस में भारतीय छात्र
वहीं, रूस में लगभग 4500 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें से लगभग 90% मेडिकल स्ट्रीम में हैं। मेडिकल के अलावा इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, एविएशन डिजाइन व मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में भी भारतीय छात्र मौजूद हैं। इसके अलावा मॉस्को का इंडियन एंबेसी स्कूल, जो केंद्रीय विद्यालय संगठन से संबद्ध है, भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा शैक्षणिक केंद्र है। यहां 1 से 12वीं तक कुल 336 छात्र पढ़ते हैं।









