Russia South–korea Dangerous weapon: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य संघर्ष ने दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के हथियारों की शक्ति को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इसमें सबसे प्रमुख नाम रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों का है। भारत ने पाकिस्तान से अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए रूस के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया, जो इस संघर्ष में महत्वपूर्ण साबित हुआ और पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया। वहीं, फ्रांस के अत्याधुनिक राफेल विमान की शक्ति भी 7 मई की रात पाकिस्तान पर भारतीय हमले में दिखाई दी, जिसने दुनियाभर में भारत की सैन्य ताकत का संदेश दिया।
समुद्र में सुनामी लाने की क्षमता रखने वाले खतरनाक हथियार- Russia South–korea Dangerous weapon
जब दुनिया के शक्तिशाली देशों के हथियारों की बात होती है, तो रूस और चीन जैसे देशों का नाम सबसे पहले लिया जाता है। लेकिन रूस और उत्तर कोरिया के पास कुछ ऐसे खतरनाक हथियार भी हैं, जो सिर्फ सेना के लिए नहीं बल्कि पूरे महासागर में सुनामी लाने की क्षमता रखते हैं। ये हथियार इतने ताकतवर हैं कि अमेरिका और चीन जैसे देशों को भी इनके नाम से डर लगता है।
रूस का ‘पोसिडॉन’: समुद्र में सुनामी लाने की क्षमता वाला अंडरवाटर ड्रोन
रूस, जो हमेशा से अपने अत्याधुनिक हथियारों के लिए जाना जाता है, के पास एक ऐसा खतरनाक हथियार है, जो समुद्र में सुनामी लाने की क्षमता रखता है। इसे ‘अनमैंड अंडरवाटर व्हीकल पोसिडॉन’ कहा जाता है। यह एक अंडरवाटर ड्रोन है, जिसे परमाणु शक्ति से चलाने का दावा किया गया है। पोसिडॉन परमाणु और पारंपरिक हथियार दोनों को कैरी करने में सक्षम है और इसे समुद्र के भीतर लंबी दूरी तक ले जाने की क्षमता प्राप्त है। रूस का कहना है कि यह ड्रोन इतना शक्तिशाली है कि इसका इस्तेमाल समुद्र में सुनामी लाने के लिए किया जा सकता है, जो न केवल युद्ध की दिशा बदल सकता है, बल्कि व्यापक तबाही भी मचा सकता है।
उत्तर कोरिया का ‘हेइल-5-23’: सुनामी लाने वाला दूसरा खतरनाक ड्रोन
रूस के बाद, वह देश जिसकी यह ताकतवर तकनीक है, वह उत्तर कोरिया है। उत्तर कोरिया ने 2024 में दावा किया था कि उसने एक अंडरवाटर न्यूक्लियर ड्रोन का परीक्षण किया है, जो पानी में लंबी दूरी तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। उत्तर कोरिया ने इस ड्रोन का नाम ‘हेइल-5-23’ रखा है, जहां ‘हेइल’ का अर्थ सुनामी है। उत्तर कोरिया का कहना है कि इस ड्रोन में भी समुद्र में सुनामी लाने की क्षमता है, और यह हथियार विशेष रूप से अमेरिका से खतरे को देखते हुए विकसित किया गया है।
उत्तर कोरिया का यह कदम उसकी सैन्य रणनीति का हिस्सा है, जो बड़े पैमाने पर परमाणु हथियारों के परीक्षण और विकास से जुड़ा हुआ है। ‘हेइल-5-23’ को एक प्रकार से एक अत्याधुनिक समुद्री हथियार माना जाता है, जिसका उद्देश्य अमेरिका और उसके सहयोगियों को गंभीर खतरे में डालना है।
इन हथियारों के संभावित प्रभाव
रूस और उत्तर कोरिया द्वारा विकसित किए गए ये अंडरवाटर ड्रोन सैन्य युद्ध की प्रकृति को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखते हैं। इन हथियारों की शक्ति इतनी भयंकर है कि ये किसी भी महासागर को अपनी ताकत से हिला सकते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हो सकती है। यदि इनका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो ये न केवल सैन्य जीत दिला सकते हैं, बल्कि इनसे वैश्विक स्तर पर गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट भी पैदा हो सकते हैं।
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