Russia on trump Tariff: भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका द्वारा 50% का भारी टैरिफ लगाने के फैसले ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। इस मसले पर अब रूस की ओर से बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका की नाराजगी के बावजूद भारत के रुख का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने साफ कहा है कि भारत को किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है वो अपने फैसले खुद लेने में पूरी तरह सक्षम है।
भारत की नीतियों का रूस ने किया समर्थन– Russia on trump Tariff
लावरोव ने शनिवार को दिए गए बयान में कहा कि वो जब भी भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिलते हैं, तो तेल व्यापार या किसी तरह की शर्तों की बात नहीं करते। उनका कहना था, “मैं कभी नहीं पूछता कि हमारा तेल व्यापार कहां जा रहा है। भारत इन सब मामलों में आत्मनिर्भर है और उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि क्या करना है।”
उन्होंने जयशंकर की स्पष्ट और संतुलित विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए कहां से तेल खरीदेगा, ये उसका आंतरिक मामला है और इसमें अमेरिका या किसी तीसरे देश का दखल देना उचित नहीं।
“अमेरिका शर्तों पर बात करना चाहता है, भारत आत्मसम्मानी है”
लावरोव ने कहा कि जयशंकर पहले ही इस मुद्दे पर अमेरिका को साफ जवाब दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर अमेरिका हमें तेल बेचना चाहता है, तो शर्तों पर बात हो सकती है, लेकिन हम कहां से तेल खरीदते हैं, ये हमारा अपना फैसला होगा। रूस के विदेश मंत्री ने इस जवाब को भारत के “आत्मसम्मान” का प्रतीक बताया और तुर्की का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत भी उसी तरह वैश्विक मंच पर अपनी स्वतंत्र सोच रखता है।
भारत को लेकर अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत पर जो 50% का टैरिफ लगाया गया है, उसमें से 25% शुल्क सीधे तौर पर भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर लगाया गया है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत को रूस से तेल आयात कम करना चाहिए, खासतौर पर तब जब पश्चिमी देश रूस पर पहले से ही कई आर्थिक प्रतिबंध लगा चुके हैं।
इस पाबंदी के बीच भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की बातचीत भी चल रही है, जिससे इस मुद्दे का महत्व और बढ़ गया है। हालांकि, भारत ने फिलहाल कोई झुकाव नहीं दिखाया है और अपनी ऊर्जा नीति पर मजबूती से खड़ा है।
दिसंबर में भारत आ सकते हैं पुतिन
लावरोव ने यह भी पुष्टि की है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल दिसंबर में भारत दौरे पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार, रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में मजबूत साझेदारी है। इसके साथ ही BRICS और SCO जैसे मंचों पर भी दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग जारी है।
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