Sindh Water Crisis Alarms: भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की ओर जाने वाली सिंधु नदी के पानी के बहाव में कटौती कर दी है। इस कदम के बाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत में किसानों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके लिए गंभीर समस्या बन गई है। सिंध प्रांत के किसानों को खरीफ की बुआई के समय पानी की कमी से दिक्कतें हो रही हैं, और यदि यह स्थिति बनी रही, तो खेती पूरी तरह से चौपट हो सकती है।
पाकिस्तान में पानी की कमी और किसानों की परेशानी- Sindh Water Crisis Alarms
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने के बाद, पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में पानी की आपूर्ति में कमी देखी जा रही है। पाकिस्तान सरकार की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) के मुताबिक, 16 जून 2025 को सिंध प्रांत को 1.33 लाख क्यूसेक पानी मिला, जबकि पिछले साल इस दिन 1.6 लाख क्यूसेक पानी दिया गया था। इसका मतलब है कि इस साल पानी में लगभग 17% की कमी आई है। इसी तरह, पंजाब प्रांत को भी पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम पानी मिला है। इस वर्ष 1.26 लाख क्यूसेक पानी मिला, जबकि पिछले साल इसी दिन 1.29 लाख क्यूसेक पानी आया था, जो 2.25% की कमी है।
सिंधु नदी के जलाशयों में पानी की कमी
IRSA की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान में सिंधु नदी से जुड़ी नदियों और जलाशयों में पानी का स्तर घट रहा है। मानसून के मौसम में दो हफ्ते से भी कम समय बाकी है, और इस समय पानी की कमी ने किसानों की स्थिति और भी गंभीर बना दी है। किसानों के लिए खरीफ की बुआई का समय है, और यदि समय पर पानी नहीं मिलता, तो फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इससे पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि का निलंबन
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया, और इसके साथ ही पाकिस्तान को नदियों के जल स्तर की जानकारी देना भी बंद कर दिया है। इस कदम से पाकिस्तान को बाढ़ के खतरे से निपटने में समस्या हो सकती है, क्योंकि यदि भारत में नदियों का जल स्तर बढ़ता है तो पाकिस्तान को बाढ़ से बचने के लिए तैयारी करने में कठिनाई हो सकती है।
सिंधु जल संधि: ऐतिहासिक समझौता और विवाद
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुए सिंधु जल संधि के तहत, भारत को सिंधु नदी की तीन पूर्वी सहायक नदियों – रावी, ब्यास और सतलुज का जल पूरा अधिकार था, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी तीन पश्चिमी नदियों से पानी मिलता रहा। यह संधि दोनों देशों के बीच कई तनावों के बावजूद कायम रही। हालांकि, 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित कर दिया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
भारत का कहना है कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’, यानी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक पानी साझा नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने इस निलंबन पर विरोध जताया है, लेकिन भारत ने अपने कदम को उचित ठहराया है।