Sixth-generation Fighter Jets: दुनिया भर में सैन्य तकनीकी उन्नति के संदर्भ में एक नई शुरुआत हो रही है, जब दक्षिण कोरिया ने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास में अपने कदम बढ़ाने का ऐलान किया है। हाल ही में पेरिस एयर शो में कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (KAI) के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विकास उपाध्यक्ष शिन डोंग-हक ने कहा कि दक्षिण कोरिया इस दौड़ में शामिल होने वाला अगला प्रमुख देश बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदर्शित की जा रही तकनीक, जिसमें 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमान और मानव रहित हवाई वाहन (UAVs) शामिल हैं, का उद्देश्य अंततः छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना है।
चीन और अमेरिका की पहल– Sixth-generation Fighter Jets
इससे पहले, चीन और अमेरिका जैसे प्रमुख देशों ने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण की दिशा में अपने प्रयासों को तेज किया था। हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आए फुटेज से पता चलता है कि चीन ने अपने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान J-36 का परीक्षण शुरू कर दिया है। इस विमान में तीन WS-10C टर्बोफैन इंजन लगे हुए हैं और इसकी लंबाई लगभग 22 मीटर बताई जा रही है, जबकि पंखों का फैलाव 20 मीटर के आसपास है। वहीं, अमेरिका ने बोइंग को एक अनुबंध देकर अपने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान F-47 के विकास को प्रोत्साहित किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ‘अब तक का सबसे घातक विमान’ करार दिया है और दावा किया कि इसका एक परीक्षण संस्करण कई सालों से गुप्त रूप से उड़ान भर रहा था।
दक्षिण कोरिया का कदम
दक्षिण कोरिया के लिए यह कदम अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। पेरिस एयर शो में KAI ने KF-21 बोरामे लड़ाकू विमान का प्रदर्शन किया, जो दक्षिण कोरिया का पहला घरेलू रूप से निर्मित 4.5-पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। इस विमान का आगामी वर्ष के अंत तक कोरियाई वायु सेना में शामिल होने की उम्मीद है। इसके अलावा, कोरिया ने अपने हल्के लड़ाकू विमान FA-50 का भी प्रदर्शन किया। इस विमान को विशेष रूप से युवा पायलटों के प्रशिक्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है। FA-50 के साथ-साथ कोरिया ने मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) का भी प्रदर्शन किया, जो इन लड़ाकू विमानों के साथ इंटीग्रेट होकर उड़ान भर सकते हैं।
छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान की दिशा
शिन डोंग-हक ने यह भी बताया कि उनका उद्देश्य ऐसे उत्पादों को प्रदर्शित करना है जो छठी पीढ़ी की क्षमताओं का आधार तैयार करेंगे, खासकर UAVs के मामले में। उनका मानना है कि मल्टी-रोल कॉम्बैट यूएवी का विकास छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, KF-21 में स्टेल्थ तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पायलट सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है, जो इसे अपनी समकक्षों से अलग बनाता है। शिन ने बताया कि उनकी कंपनी सियोल इंटरनेशनल एयरोस्पेस एंड डिफेंस प्रदर्शनी के दौरान मल्टी-रोल कॉम्बैट यूएवी का उड़ान परीक्षण करने का लक्ष्य रख रही है।
भारत और दक्षिण कोरिया का रणनीतिक सहयोग
दक्षिण कोरिया और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में भी घनिष्ठ सहयोग है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की शुरुआत 1962 में हुई थी और 1973 में यह रिश्ते राजदूत स्तर तक पहुंचे। 2010 में दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक भागीदारिता समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किए, और 2015 में इसे “विशेष रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा दिया गया। भारत ने दक्षिण कोरिया के K9 वज्र होवित्जर को भी खरीदा है, जो दोनों देशों के सैन्य सहयोग को और मजबूत करता है।