Syria News: सिर में सटाकर मारी गोली…, सीरिया में द्रूजों पर हुए भयावह अत्याचार, एक हफ्ते में 194 को दी गई मौत की सजा

Syria News atrocities against Druze
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Syria News: सीरिया का स्वैदा शहर पिछले एक सप्ताह से एक भीषण नरसंहार का गवाह बन रहा है। यहां 11 सौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश द्रूज समुदाय के सदस्य हैं। सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा की सेना ने मनमाने तरीके से 194 द्रूजों को मौत की सजा दी, जिनकी हत्या सीरिया के रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने की। बीबीसी और सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्युमन राइट्स (SOHR) ने इस घातक स्थिति पर विस्तार से रिपोर्ट दी है, जिसमें बताया गया है कि द्रूज समुदाय के 427 फाइटर्स और 298 नागरिक मारे गए। इन आंकड़ों के मुताबिक, यह नरसंहार सीरिया में चल रहे गृह युद्ध का भयावह रूप है।

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सीरिया में द्रूजों पर बढ़ते अत्याचार- Syria News

स्वैदा नेशनल हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती हुए जख्मी और मृत लोगों की स्थिति का बयां किया। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, गोलियों के घाव और फटे हुए शरीरों के साथ सैकड़ों घायल और मृत लोग अस्पताल में लाए गए थे। इनमें से कई के सिर में गोली मारी गई थी, जिससे यह साफ है कि यह हत्या बेहद क्रूरता से की गई थी। एक डॉक्टर के अनुसार, अस्पताल के गलियारों में शवों का ढेर लगा हुआ था, और ICU में शवों को रखने की जगह तक नहीं थी। स्वैदा नेशनल हॉस्पिटल में घायल और मृतकों की भारी संख्या से यह साफ होता है कि स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है।

स्वैदा में गृह युद्ध की शुरुआत और सांप्रदायिक संघर्ष

सीरिया के स्वैदा शहर में यह हिंसा एक द्रूज व्यापारी के अपहरण के बाद शुरू हुई थी, जो 13 जुलाई को हुआ। यह घटना जल्द ही सांप्रदायिक संघर्ष में बदल गई और द्रूज मिलिशिया और सुन्नी बेदौइन लड़ाकों के बीच भीषण झड़पें हुईं। सीरिया में बशर अल असद सरकार के पतन के बाद कई स्थानीय संगठन सक्रिय हो गए हैं, जो मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। इस हिंसा में द्रूज नागरिकों और सुन्नी कट्टरपंथियों के बीच संघर्ष तेज हो गया। हालांकि, सीरिया की सरकारी सेना ने दखल दिया, लेकिन उन पर द्रूज समुदाय को निशाना बनाने का आरोप भी लगा।

द्रूज समुदाय की पहचान और संघर्ष

द्रूज समुदाय सीरिया, लेबनान और इजरायल में रहने वाला एक अरबी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है। यह समुदाय इस्लाम की शिया शाखा से निकला है, लेकिन इसके मान्यताएं अलग हैं। द्रूज एकेश्वरवादी होते हैं, लेकिन पुनर्जन्म और आत्मा की मौजूदगी में विश्वास रखते हैं। इजरायल में द्रूजों की बड़ी आबादी है, जो इजरायली सेना में भी योगदान करती है। इसलिए इजरायल इस समुदाय की रक्षा के लिए कदम उठाता है।

सीजफायर के बाद भी हिंसा जारी

चार दिनों तक चली हिंसा के बाद, सीजफायर का ऐलान किया गया था, लेकिन स्वैदा में हिंसा की स्थिति अब भी जारी है। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद द्रूजों ने छोटे-छोटे बेदौइन पॉकेट्स पर हमले किए, और सांप्रदायिक प्रतिशोध की हिंसा जारी रही। यह चक्र सीरिया के नए राज्य की एकता के लिए खतरा बनता जा रहा है। सीरिया की नई सरकार के अधिकारियों ने इस एकता को बनाए रखने की भरसक कोशिश की, लेकिन ताजातरीन हिंसा ने द्रूज समुदाय और अधिकारियों के बीच विश्वास को और कमजोर कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और प्रभावित लोग

संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने रविवार को बताया कि हिंसा के कारण कम से कम 1,28,000 लोग विस्थापित हो गए हैं, जो स्वैदा और आसपास के इलाकों से भागकर अन्य सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी के कारण अस्पतालों में स्थिति और भी विकट हो गई है। हिंसा से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हस्तक्षेप आवश्यक हो गया है, लेकिन स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि इसे सुलझाना मुश्किल होता जा रहा है।

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