Trump-Putin Meeting: अमेरिका क राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का के सबसे बड़े शहर एंकरिज में एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। यह मुलाकात यूक्रेन युद्धविराम (सीजफायर) को लेकर हो रही है और इसे वैश्विक स्तर पर बेहद अहम माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि जहां ये दो महाशक्तियों के नेता आमने-सामने बैठेंगे, वह जगह कभी खुद रूस का हिस्सा हुआ करती थी।
ऐतिहासिक जमीन पर हो रही है ऐतिहासिक मुलाकात- Trump-Putin Meeting
दरअसल ट्रंप और पुतिन की यह बैठक अलास्का में हो रही है, जिसे कभी अमेरिका ने 1867 में रूस से खरीदा था। उस समय यह सौदा 7.2 मिलियन डॉलर (करीब 60 करोड़ रुपये) में हुआ था। उस वक्त कई अमेरिकी विशेषज्ञों ने इस डील को “मूर्खतापूर्ण” करार दिया था। लेकिन बाद के वर्षों में जब अलास्का में तेल, प्राकृतिक गैस और सोना जैसे संसाधनों की खोज हुई, तो यह सौदा अमेरिका के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हुआ।
कैसे बना अलास्का अमेरिका का हिस्सा?
अलास्का की खोज 17वीं सदी में हुई थी, जिसमें रूसी खोजकर्ताओं और स्थानीय जनजातियों की भूमिका रही। 1741 में डेनमार्क के खोजकर्ता वाइटस बेरिंग ने इस इलाके का सर्वे किया था। बाद में यह क्षेत्र समुद्री व्यापार, खासकर जानवरों की खाल के लिए प्रसिद्ध हुआ।
19वीं सदी के मध्य में रूस और अमेरिका के बीच व्यापारिक प्रतिस्पर्धा बढ़ी, और आर्थिक दबाव के चलते रूस ने अलास्का को अमेरिका को बेचने का फैसला किया। 1867 में यह डील हुई, जिसे अमेरिकी कांग्रेस में कड़ी बहस के बाद मंजूरी मिली।
अमेरिका के लिए ‘सौदा नहीं, सौभाग्य’ साबित हुआ अलास्का
शुरुआत में उपेक्षित रहे अलास्का में जल्द ही खनिज संपदा की खोज हुई। 1959 में इसे आधिकारिक रूप से अमेरिका का 49वां राज्य घोषित किया गया। आज अलास्का अपनी भू-रणनीतिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों और जलवायु के लिए जाना जाता है।
यहां की राजधानी जूनो तक कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है, और केवल हवाई या जल मार्ग से ही वहां पहुंचा जा सकता है। एंकरिज शहर में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा सी-प्लेन बेस हर दिन लगभग 200 उड़ानों को संभालता है।
ट्रंप बोले– “शांति की दिशा में अहम पहल”
इस बैठक को लेकर ट्रंप ने कहा है कि यह “शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” है। दुनिया की निगाहें इस बातचीत पर इसलिए भी टिकी हैं क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक स्थिरता पर गहरा असर डाला है। ऐसे में यह मुलाकात एक नए मोड़ की ओर इशारा कर सकती है।
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात को न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से, बल्कि इतिहास और भूगोल की नजर से भी अहम माना जा रहा है। यह वही अलास्का है, जो कभी रूस की धरती थी और अब अमेरिका की ताकत बन चुका है। आज वही भूमि संभावित शांति समझौते की गवाह बनने जा रही है।