Trump statement on Iran: 13 जून को इजरायल और ईरान के बीच बढ़े तनाव में अब अमेरिका ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि की है, जिसमें ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – को निशाना बनाया गया। ट्रंप के अनुसार, यह हमला ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करने के उद्देश्य से किया गया है।
ट्रंप का बयान: ईरान से संघर्ष की लंबी पृष्ठभूमि- Trump statement on Iran
हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध पर अपनी बात रखी। ट्रंप ने कहा कि ईरान पिछले 40 सालों से अमेरिका के खिलाफ है और इस दौरान कई अमेरिकी नागरिक इसकी नफरत की भेंट चढ़ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के कारण हजारों अमेरिकियों और इजरायली नागरिकों की जान गई है, लेकिन अब यह सिलसिला और नहीं चलेगा। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका का यह हमला ईरान के परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए था, और इसके लिए अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइट्स को निशाना बनाया है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 22, 2025
ट्रंप की चेतावनी: भविष्य में और हमले होंगे भयानक
ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि यदि ईरान ने शांति की ओर कदम नहीं बढ़ाए, तो उसे भविष्य में और भी भयानक हमलों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को जल्द से जल्द शांति स्थापित करनी होगी, वरना उसे और हमलों के लिए तैयार रहना होगा। ट्रंप का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिका की रणनीति पूरी तरह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने की दिशा में केंद्रित है, और अगर ईरान ने अपना रुख नहीं बदला तो हमलों का सिलसिला जारी रह सकता है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 21, 2025
फोर्डो साइट की तबाही: ट्रंप का अहम बयान
ट्रंप ने आगे कहा कि बीती रात अमेरिका ने ईरान के जिन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, वे बेहद कठिन थे, लेकिन अमेरिकी सेना ने इसे पूरी सफलता के साथ अंजाम दिया। उन्होंने खासकर फोर्डो न्यूक्लियर साइट की तबाही का उल्लेख किया, जो तेहरान का सबसे महत्वपूर्ण परमाणु प्रोग्राम साइट था। ट्रंप के अनुसार, अब फोर्डो पूरी तरह से तबाह हो चुका है, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
इजरायल के प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अमेरिका के इस कदम को साहसिक और सही दिशा में उठाया गया कदम बताया। नेतन्याहू ने कहा, “मैं और ट्रंप दोनों मानते हैं कि शक्ति से ही शांति आती है। पहले शक्ति दिखाई जाती है और फिर शांति स्थापित होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने ईरान पर पूरी ताकत से कार्रवाई की है, जो एक अहम संदेश है।
President Trump and I often say: ‘Peace through strength.’
First comes strength, then comes peace.
And tonight, @realDonaldTrump and the United States acted with a lot of strength. pic.twitter.com/7lTWCZkgw7
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) June 22, 2025
ईरान की प्रतिक्रिया: अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने इस हमले की पुष्टि की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है। AEOI का कहना है कि इस हमले से वैश्विक सुरक्षा को खतरा हुआ है और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) का भी समर्थन प्राप्त किया, जो अमेरिका की इस कार्रवाई की आलोचना करता है। ईरान ने साफ तौर पर कहा कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखेगा और इसको किसी भी कीमत पर नहीं रोका जाएगा।