US bounty on Venezuela President: क्या आप विश्वास करेंगे कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की गिरफ्तारी पर अब ओसामा बिन लादेन से भी ज्यादा इनाम रखा गया है? हां, आपने सही सुना! अमेरिका ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर अपना इनाम दोगुना कर दिया है। अब मादुरो की गिरफ्तारी की सूचना देने पर अमेरिका 50 मिलियन डॉलर (करीब 438 करोड़ रुपये) का इनाम देने की घोषणा कर रहा। आखिर अमेरिका ने क्यों रखा इतना बड़ा इनाम, और मादुरो पर क्या हैं गंभीर आरोप, आइए जानते हैं।
दरअसल, ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि मादुरो दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक हैं और उन्होंने कार्टेल्स के साथ मिलकर अमेरिका में फेंटानिल-मिश्रित कोकीन की सप्लाई की साजिश रची। अमेरिकी अधिकारियों के इस कदम ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है।
मादुरो पर क्या हैं आरोप? (US bounty on Venezuela President)
2020 में, ट्रंप प्रशासन ने मादुरो पर नार्को-टेररिज्म और कोकीन के आयात की साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उस समय उनकी गिरफ्तारी के लिए 15 मिलियन डॉलर का इनाम रखा गया था। बाद में बाइडन प्रशासन ने इस राशि को बढ़ाकर 25 मिलियन डॉलर कर दिया। अब ट्रंप प्रशासन ने इस राशि को दोगुना कर 50 मिलियन डॉलर कर दिया है, जो ओसामा बिन लादेन पर रखे गए इनाम से भी ज्यादा है।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने वीडियो संदेश में कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में मादुरो को न्याय से बचने का मौका नहीं मिलेगा और उन्हें उनके अपराधों की सजा मिलेगी।” वेनेजुएला के राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्कर समूहों, जैसे ट्रेन डी अरागुआ और सिनालोआ कार्टेल्स के साथ मिलकर अमेरिका में कोकीन भेजने की साजिश रची।
Today, @TheJusticeDept and @StateDept are announcing a $50 MILLION REWARD for information leading to the arrest of Nicolás Maduro. pic.twitter.com/D8LNqjS9yk
— Attorney General Pamela Bondi (@AGPamBondi) August 7, 2025
मादुरो की सत्ता पर पकड़
हालांकि, भारी इनाम और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद मादुरो सत्ता पर काबिज हैं। 2024 में उनके चुनाव को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई लैटिन अमेरिकी देशों ने मादुरो की जीत को धोखाधड़ी बताया था और उनके प्रतिद्वंदी को वेनेजुएला का वैध राष्ट्रपति माना। लेकिन मादुरो ने इन सभी आरोपों को नकार दिया और अपनी सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाई हुई है।
वेनेजुएला का पलटवार
अमेरिका के इस कदम के बाद वेनेजुएला सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वेनेजुएला के विदेश मंत्री इवान गिल ने इस इनाम को ‘दयनीय’ बताते हुए कहा कि अमेरिकी अटॉर्नी जनरल “सस्ती राजनीतिक प्रचारबाजी” कर रही हैं। गिल ने आरोप लगाया कि यह वही शख्स है, जिसने ‘एप्स्टीन की सीक्रेट लिस्ट’ का झूठा वादा किया था। वेनेजुएला ने इसे केवल अमेरिका की नाकामी को छुपाने की एक कोशिश करार दिया।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री युवान गिल ने अमेरिका सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘जो ऐसा कर रहे हैं, हमें इस बात से कोई हैरानी नहीं है। वही जिसने एप्सटीन की गुप्त सूची होने का दावा किया था और जो राजनीतिक फायदों के लिए स्कैंडल में शामिल रहा हो।’
अमेरिका और वेनेजुएला के रिश्तों में खटास
इस घटना ने अमेरिका और वेनेजुएला के रिश्तों में और खटास बढ़ा दी है। आपको बता दें, पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने वेनेज़ुएला में बंद 10 अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के लिए एक डील की थी। इसके बदले, अमेरिका ने वेनेज़ुएला के कई प्रवासियों को, जिन्हें ट्रंप की इमिग्रेशन नीति के तहत अल साल्वाडोर भेजा गया था, वापस लाने की अनुमति दी। इस डील के बाद, व्हाइट हाउस ने अमेरिकी तेल कंपनी शेवरॉन को वेनेज़ुएला में फिर से ड्रिलिंग की अनुमति दे दी, जो पहले विभिन्न प्रतिबंधों के चलते रुकी हुई थी।