US Economist On Tariff: अमेरिका के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जैफ़्री डी सैच्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने भारत पर 25% पेनल्टी टैरिफ लगाया है। सैच्स ने इसे न सिर्फ रणनीतिक रूप से मूर्खतापूर्ण बताया, बल्कि अमेरिका की विदेश नीति का “सबसे विनाशकारी कदम” भी करार दिया।
सैच्स का मानना है कि ट्रंप का यह फैसला अमेरिका के लिए खुद की ही जड़ों में कुल्हाड़ी मारने जैसा है। उन्होंने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने से अमेरिका-भारत के बीच रिश्तों में दरार आ गई है और इसने वैश्विक स्तर पर अमेरिका की स्थिति को कमज़ोर किया है।
BRICS को मिला एकजुट होने का मौका- US Economist On Tariff
सैच्स ने ट्रंप सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस टैरिफ के जरिए ट्रंप ने ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRICS) को एकजुट होने का “गोल्डन चांस” दे दिया। उन्होंने कहा कि टैरिफ लगाए जाने के 24 से 48 घंटे के भीतर इन देशों के बीच बातचीत और तालमेल अचानक तेज़ हो गया। इसका सीधा फायदा ब्रिक्स को मिला, जो अब अमेरिका की बजाय आपस में और मज़बूत होते जा रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिक्स को मज़बूत करने वाले सबसे महान व्यक्ति बन चुके हैं — अनजाने में ही सही।”
“India Tariffs Are The ‘Stupidest Tactical Move In US Foreign Policy’,” Says Top Economist Professor Jeffrey Sachs
“Lindsey Graham is the worst senator in the US. He’s a fool. Just a fool,” he adds.
Bharat has a bigger one. He is LoP in Lok Sabha.😂 pic.twitter.com/LQM9Ccz9pZ
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) August 20, 2025
अमेरिकी नेताओं पर तीखा हमला
जैफ़्री सैच्स सिर्फ ट्रंप तक ही नहीं रुके, बल्कि उन्होंने अमेरिकी राजनीति के कई नेताओं पर भी हमला बोला। सीनेटर लिंडसे ग्राहम को उन्होंने “अमेरिका के सबसे घटिया और मूर्ख नेता” तक कह दिया। वहीं, ट्रंप के पूर्व व्यापार सलाहकार पीटर नवारो को उन्होंने पूरी तरह अयोग्य बताया, जिन्होंने अमेरिका की विदेश नीति को लगातार कमजोर किया और अमेरिका की वैश्विक साख को नुकसान पहुंचाया।
भारत पर भरोसा टूटने की चेतावनी
सैच्स ने साफ कहा कि भारत जैसे देश के साथ टैरिफ जैसे फैसले लेकर अमेरिका ने अपना ही नुकसान कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका का रणनीतिक और दीर्घकालिक साथी बनना था, लेकिन अब भारतीयों के मन में यह धारणा बन चुकी है कि अमेरिका भरोसे के काबिल नहीं है। सैच्स के मुताबिक, भले ही कल टैरिफ हटा भी लिए जाएं, लेकिन जो भरोसा टूट चुका है, वो इतनी जल्दी नहीं लौटेगा।
टैरिफ का कोई लाभ नहीं
सैच्स ने दावा किया कि इन टैरिफ से कोई रणनीतिक फायदा नहीं हुआ है। न तो इससे किसी देश को बातचीत की मेज़ पर लाया जा सका और न ही यह कोई दबाव की रणनीति साबित हुई। उल्टा, अमेरिका की दशकों पुरानी कूटनीति को इससे गहरा झटका लगा है।
निक्की हेली की चेतावनी
इस विवाद के बीच अमेरिका की पूर्व संयुक्त राष्ट्र राजदूत निक्की हेली ने भी ट्रंप प्रशासन को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन का मुकाबला करने के लिए भारत जैसे दोस्त की ज़रूरत है, और मौजूदा नीतियां इस रिश्ते को कमजोर कर रही हैं।
My latest w/ my @HudsonInstitute colleague @bill_drexel for @Newsweek.
To Counter China, Rebuild U.S. – India Relationship, more here: https://t.co/jI29UNZvNX pic.twitter.com/yHufs1LgxH
— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 20, 2025
हेली ने न्यूजवीक में छपे अपने लेख में लिखा कि अमेरिका और भारत दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतें हैं, और उन्हें आपसी सहयोग के बजाय टैरिफ और विवादों में उलझाना गंभीर रणनीतिक गलती है। उन्होंने जोर दिया कि चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को काउंटर करने में भारत की भूमिका निर्णायक है।
भारत की अहमियत बढ़ी
निक्की हेली ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत के पास चीन जैसी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता है, और अमेरिका की सप्लाई चेन का भरोसेमंद विकल्प भी बन सकता है। उन्होंने भारत के इज़राइल और अमेरिका के साथ गहरे रक्षा संबंधों को भी वैश्विक सुरक्षा के लिए ज़रूरी बताया।