Ashley Tellis: अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसने वॉशिंगटन के राजनीतिक गलियारों से लेकर खुफिया तंत्र तक में हलचल मचा दी है। भारत और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले एशली टेलिस पर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लीक करने और चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातें करने के आरोप लगे हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग (Justice Department) के अनुसार, टेलिस स्टेट डिपार्टमेंट में वरिष्ठ सलाहकार और डिपार्टमेंट ऑफ वॉर (पूर्व में ऑफिस ऑफ नेट असेसमेंट) के कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि उन्होंने अपने वर्जीनिया स्थित घर में हजारों पन्नों वाले टॉप सीक्रेट दस्तावेज़ अवैध रूप से रखे थे। इन फाइलों में अमेरिकी वायुसेना की क्षमताओं, हथियार प्रणालियों और रणनीतिक तकनीकों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दर्ज थी।
घर से बरामद हुए हजारों “टॉप सीक्रेट” दस्तावेज़- Ashley Tellis
फेडरल जांच एजेंसियों ने टेलिस के घर की तलाशी के दौरान हजार से ज्यादा दस्तावेज़ जब्त किए हैं जिन पर “TOP SECRET” और “SECRET” की मुहर लगी थी। अदालत में दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 12 सितंबर को टेलिस ने अपने एक सरकारी सहकर्मी से कई क्लासिफाइड फाइलें प्रिंट करवाई थीं। फिर 25 सितंबर को उन्होंने अमेरिकी वायुसेना की क्षमताओं से जुड़ी रिपोर्ट प्रिंट कराई, जो अब जांच के घेरे में हैं।
चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातों के सबूत
रिपोर्ट के मुताबिक, टेलिस ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार चीनी अधिकारियों से निजी तौर पर मुलाकातें कीं। सितंबर 2022 में उन्हें वर्जीनिया के एक रेस्टोरेंट में चीनी प्रतिनिधियों के साथ देखा गया, जहां उनके हाथ में एक मनीला एनवेलप (गुप्त दस्तावेज़ों का फोल्डर) था। 11 अप्रैल 2023 को हुई एक और मुलाकात में वे ईरान-चीन संबंधों और नई सैन्य तकनीकों पर चर्चा करते सुने गए। इतना ही नहीं, उसी साल सितंबर में एक और डिनर मीटिंग में उन्हें चीनी अधिकारियों से “गिफ्ट बैग” लेते हुए भी देखा गया।
अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि टेलिस के पास टॉप सीक्रेट क्लियरेंस थी और वे अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी अत्यंत गोपनीय योजनाओं तक पहुंच रखते थे।
सम्मानित विशेषज्ञ से संदिग्ध तक
एशली टेलिस कोई आम व्यक्ति नहीं हैं। वे Carnegie Endowment for International Peace जैसे प्रतिष्ठित थिंक टैंक में वरिष्ठ शोधकर्ता (Senior Fellow) रहे हैं और भारत-अमेरिका संबंधों, इंडो-पैसिफिक रणनीति और रक्षा सहयोग पर महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं। 2001 में उन्होंने अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट में करियर शुरू किया था और लंबे समय तक दक्षिण एशिया नीति के प्रमुख सलाहकारों में शामिल रहे। लेकिन अब वही शख्स अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को खतरे में डालने के आरोपों में घिर गए हैं।
एफबीआई और न्याय विभाग की संयुक्त जांच
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि टेलिस पर राष्ट्रीय रक्षा जानकारी के अवैध कब्जे (unlawful retention of national defense information) का आरोप लगाया गया है। एफबीआई और डिपार्टमेंट ऑफ वॉर की टीमें यह जांच रही हैं कि क्या उन्होंने यह जानकारी वास्तव में चीन के साथ साझा की थी या नहीं। जांच में उनके डिजिटल डिवाइस, बैंक ट्रांजेक्शन और विदेशी संपर्कों की भी गहराई से जांच हो रही है।
अमेरिका में मचा बवाल, बढ़ी चिंता
इस मामले ने अमेरिकी प्रशासन में खलबली मचा दी है। वॉशिंगटन के कई विश्लेषक इसे हाल के वर्षों में हुए इंटेलिजेंस लीक स्कैंडल्स की नई कड़ी मान रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ “प्रोटोकॉल का उल्लंघन” नहीं, बल्कि संभवतः एक संगठित जासूसी नेटवर्क का हिस्सा भी हो सकता है।
फिलहाल, टेलिस के खिलाफ गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है और अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि देश के इतने संवेदनशील राज आखिर चीन तक कैसे पहुंचे।