US Shutdown 2025: अमेरिका में एक बार फिर से फेडरल शटडाउन हो गया है। इसका सीधा मतलब है कि सरकार के खर्चों को लेकर संसद में सहमति नहीं बन पाई। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई कि कई अहम बिल पास नहीं हो सके और नतीजतन सरकारी फंडिंग रुक गई। इससे पहले अमेरिका में ऐसा 2018-19 के दौरान हुआ था, जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे। अब एक बार फिर वही हालात बन गए हैं।
क्या होता है शटडाउन? US Shutdown 2025
शटडाउन का मतलब होता है कि जिन सरकारी एजेंसियों को फंडिंग की जरूरत होती है, उनका कामकाज या तो रुक जाता है या सीमित हो जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। अमेरिका की तमाम सरकारी सेवाओं में से सिर्फ बेहद जरूरी सर्विसेज ही चालू रहेंगी। बाकी विभागों में काम या तो थम गया है या बहुत धीमी रफ्तार से चल रहा है।
कहां फंसी बात?
दरअसल, अमेरिका की सरकार चलाने के लिए संसद से सालाना बजट पास होना जरूरी होता है। लेकिन इस बार रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स किसी आम सहमति तक नहीं पहुंच सके। एक-दूसरे पर आरोप लगते रहे और बजट अटक गया। अब जब तक दोनों पार्टियां किसी सहमति पर नहीं आतीं, तब तक सरकारी एजेंसियों को फंड नहीं मिल पाएगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस शटडाउन की वजह से करीब 8 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी घर बैठ सकते हैं। इनमें से कई को अनपेड लीव पर भेजा जाएगा, यानी उन्हें इस दौरान वेतन भी नहीं मिलेगा।
किन सेवाओं पर असर नहीं पड़ेगा?
एक राहत की बात ये है कि यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) पर फिलहाल बड़ा असर नहीं पड़ेगा। इस विभाग का काम आवेदन शुल्क से चलता है, इसलिए ज्यादातर कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर बने रहेंगे। यहां ग्रीन कार्ड, वीजा, और नागरिकता से जुड़े आवेदन प्रोसेस किए जाते हैं। हालांकि, स्टाफ की कमी के चलते कुछ मामलों में देरी जरूर हो सकती है।
कहां हो सकती है दिक्कत?
वहीं डिपार्टमेंट ऑफ लेबर की बात करें तो उसकी अधिकतर सेवाएं ठप कर दी गई हैं। इस विभाग के ज़रिए H-1B वीजा जैसी सर्विसेस प्रोसेस होती हैं। इसका मतलब ये हुआ कि जो लोग अमेरिका में काम करने के लिए वीजा या ग्रीन कार्ड के इंतजार में हैं, उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
इसी तरह इमिग्रेशन कोर्ट्स भी काफी प्रभावित होंगी। जिन केसों में लोग हिरासत में नहीं हैं, उन्हें फिलहाल पेंडिंग में डाल दिया जाएगा। ऐसे में जिन लोगों ने ग्रीन कार्ड, वर्क वीजा या इमिग्रेशन अपील्स के लिए केस डाले हुए हैं, उनकी सुनवाई में देरी होगी। हालांकि, डिटेन्ड मामलों की सुनवाई जारी रहेगी, ताकि बिना सुनवाई के किसी को लंबे समय तक हिरासत में न रखा जाए।
काम के ग्रीन कार्ड पर भी असर
डिपार्टमेंट ऑफ लेबर एक खास तरह का अप्रूवल भी देता है, जो ग्रीन कार्ड पाने के लिए जरूरी होता है। लेकिन चूंकि यह विभाग ही शटडाउन से बुरी तरह प्रभावित है, इसलिए इस प्रक्रिया में भी देरी होना तय है।
2018-19 का सबसे लंबा शटडाउन
अमेरिका में इससे पहले अक्टूबर 2018 से जनवरी 2019 तक चला शटडाउन इतिहास का सबसे लंबा रहा था। तब भी इमिग्रेशन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। करीब 86 हजार मामलों की सुनवाई टालनी पड़ी थी और हजारों लोगों के वीजा व ग्रीन कार्ड आवेदन अटक गए थे।
अब क्या होगा?
शटडाउन खत्म कब होगा, इसका फिलहाल कोई ठोस जवाब नहीं है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष कब तक किसी समझौते पर पहुंचते हैं। पिछली बार भी शटडाउन खत्म करने के लिए अस्थायी फंडिंग का सहारा लेना पड़ा था।
इस बार भी यही उम्मीद की जा रही है कि या तो कोई तात्कालिक बजट पास हो या फिर कोई समझौता हो जाए। वरना लाखों कर्मचारियों और इमिग्रेशन जैसी जरूरी प्रक्रियाओं पर असर गहराता जाएगा।