US Strike On Venezuela: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच जंग की आहट, किसी भी वक्त शुरू हो सकता है हमला

US Strike On Venezuela
Source: Google

US Strike On Venezuela: दुनिया एक बार फिर बड़े भू-राजनीतिक संकट की ओर बढ़ती नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका अब किसी भी पल वेनेजुएला पर सैन्य हमला कर सकता है। प्यूर्टो रिको के पास अमेरिकी प्रशासन ने अचानक एयरस्पेस बंद कर दिया है और वहां “हॉट पिट रिफ्यूलिंग” प्रक्रिया शुरू कर दी गई है यानी फाइटर जेट्स को इंजन चालू रखते हुए ही फ्यूल भरकर तुरंत टेकऑफ के लिए तैयार रखा गया है।
सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम सीधे तौर पर हमले की तैयारी को दर्शाता है। अमेरिकी रक्षा सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के सैन्य ठिकानों, बंदरगाहों और एयरबेस को निशाना बनाने की योजना तैयार कर ली है।

और पढ़ें: Epstein scandal: महाराज चार्ल्स ने प्रिंस एंड्र्यू से छीनी राजकुमार की उपाधि, शाही घर छोड़ने का नोटिस जारी

अमेरिका की तैयारी पूरी, रात हो सकती है लंबी और खतरनाक- US Strike On Venezuela

‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना वेनेजुएला के उन इलाकों पर प्रहार कर सकती है जो निकोलस मादुरो शासन के नियंत्रण में हैं और जिन पर ड्रग तस्करी के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है।
वहीं ‘मियामी हेराल्ड’ ने दावा किया है कि हमला अब केवल एक “विकल्प” नहीं रहा, बल्कि यह “निर्णय” बन चुका है। मतलब आदेश कभी भी जारी हो सकता है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की यह कार्रवाई न केवल वेनेजुएला बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका की स्थिरता को हिला सकती है।

वेनेजुएला हाई अलर्ट पर, मादुरो ने उड़ाए फाइटर जेट

अमेरिकी खतरे को भांपते हुए वेनेजुएला ने भी अपनी एयर डिफेंस फोर्स को हाई अलर्ट पर रख दिया है। कराकस से मिली जानकारी के अनुसार, मादुरो सरकार ने SU-30 फाइटर जेट्स को देश की तटीय सीमाओं पर तैनात कर दिया है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि मादुरो प्रशासन में घबराहट का माहौल है। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “मादुरो अब किसी पर भरोसा नहीं कर पा रहा। उसके अपने कई जनरल उसे पकड़कर सौंपने को तैयार बैठे हैं। अब वह खुद को घिरा हुआ महसूस कर रहा है।”

रूस, चीन और ईरान से मांगी मदद

संभावित अमेरिकी हमले को देखते हुए निकोलस मादुरो ने रूस से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक, कराकस ने मॉस्को से मिसाइल सिस्टम, रडार अपग्रेड और फाइटर जेट्स की मरम्मत में सहयोग मांगा है।
इतना ही नहीं, मादुरो ने चीन और ईरान से भी आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन, डिटेक्शन सिस्टम और GPS जैमर्स उपलब्ध कराने की अपील की है। मादुरो सरकार का कहना है कि अमेरिकी नेवी के जहाज और फाइटर जेट्स पहले से ही वेनेजुएला की सीमा के बेहद करीब पहुंच चुके हैं।

‘ड्रग वॉर’ या सत्ता पलटने की साजिश?

अमेरिका लगातार मादुरो पर ‘कार्टेल दे लॉस सोल्स’ नाम के ड्रग सिंडिकेट चलाने का आरोप लगाता रहा है, लेकिन अब तक इसके कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं।
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के विश्लेषक फिल गनसन का कहना है कि यह “ड्रग वॉर” दरअसल राजनीतिक हस्तक्षेप का बहाना है। यहां तक कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी स्वीकार किया है कि वेनेजुएला का किसी बड़े ड्रग नेटवर्क में अहम रोल साबित नहीं हुआ है।

लैटिन अमेरिका में डर का माहौल

लैटिन अमेरिका के 20 से ज्यादा राजनीतिक नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने हमला किया, तो यह क्षेत्र फिर से तानाशाही और हिंसा के दौर में लौट सकता है। उन्होंने कहा, “हम पहले भी यह इतिहास झेल चुके हैं — अमेरिकी हस्तक्षेप ने हमें दशकों की हिंसा, गुमशुदा लोगों और दर्द दिया। अब हम यह दोबारा नहीं होने देंगे।”

तेल की राजनीति के पीछे की जंग

‘कोडपिंक’ नामक एंटी-वॉर ग्रुप की को-फाउंडर मेडिया बेंजामिन का कहना है कि यह लड़ाई “ड्रग्स की नहीं, तेल की है।”
उनके मुताबिक, “वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार हैं, और ट्रंप प्रशासन इस हमले के जरिए उस पर नियंत्रण पाना चाहता है।”

और पढ़ें: India vs US: भारत-अमेरिका रिश्ते में तुफान! एक्सपर्ट बोले- अब कुछ भी नहीं बचेगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here