West Bank News: इजरायल और वेस्ट बैंक के बीच लंबे समय से जारी तनाव एक बार फिर खौफनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इस बार मामला केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। 20 वर्षीय अमेरिकी नागरिक सैफोल्लाह मुसल्लेट की वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तीवासियों द्वारा भीड़ के बीच पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना केवल एक और हिंसा नहीं, बल्कि अमेरिका समेत वैश्विक समुदाय को झकझोरने वाली त्रासदी बन गई है
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तीन घंटे तक हुई पिटाई, मेडिक्स पर भी हुआ हमला- West Bank News
फ्लोरिडा निवासी सैफोल्लाह, जिन्हें स्नेह से ‘सैफ’ कहा जाता था, कथित रूप से वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तीवासियों द्वारा लगभग तीन घंटे तक घेरकर बेरहमी से पीटा गया। परिवार का दावा है कि इस दौरान जब आपातकालीन चिकित्सा सहायता पहुंची, तो मेडिकल टीम पर भी हमला किया गया और उन्हें सैफ को बचाने नहीं दिया गया। दुर्भाग्यवश, सैफ को नहीं बचाया जा सका।
🔴 A US-Palestinian man was beaten to death by Israeli settlers in the occupied West Bank, his family confirmed, demanding that Washington launch an investigation
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— The Telegraph (@Telegraph) July 12, 2025
“सपनों से भरा जीवन बेरहमी से छीना गया” – परिवार
मुसल्लेट परिवार ने घटना के बाद एक मार्मिक बयान जारी करते हुए कहा, “यह एक अकल्पनीय त्रासदी और गहरा अन्याय है। कोई भी परिवार ऐसी पीड़ा नहीं सहना चाहता। हम अमेरिका से तत्काल स्वतंत्र जांच और न्याय की मांग करते हैं।” परिवार ने यह भी बताया कि सैफ एक दयालु, मेहनती और महत्वाकांक्षी युवक था, जो अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में मेहनत कर रहा था।
अमेरिका की प्रतिक्रिया सीमित, सवालों के घेरे में विदेश मंत्रालय
घटना पर अमेरिका की प्रतिक्रिया बेहद सीमित रही। विदेश मंत्रालय ने सिर्फ यह कहा कि वे घटना से अवगत हैं और कांसुलर सहायता देने को तैयार हैं। प्राइवेसी कारणों का हवाला देते हुए अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया गया। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में कम-से-कम 9 अमेरिकी नागरिक इजरायली सैनिकों या बस्तीवासियों की हिंसा में मारे जा चुके हैं, जिनमें अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबू अक्लेह का नाम भी शामिल है। इनमें से किसी मामले में अब तक कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं हुई है।
संगठनों का गुस्सा: “क्या फिलिस्तीनी मूल का होना अपराध है?”
घटना के बाद अमेरिका में कई संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिकन-अरेब एंटी-डिस्क्रिमिनेशन कमेटी ने कहा, “अब अमेरिका को यह बंद करना होगा कि वह फिलिस्तीनी-अमेरिकियों की जानों को कमतर आंकता है।”
अमेरिकन मुस्लिम्स फॉर पलेस्टाइन ने सवाल किया, “क्या अमेरिका इसलिए चुप है क्योंकि मृतक फिलिस्तीनी मूल का था?”
वहीं, काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से संपर्क कर इस हत्या की निंदा करें और न्याय की मांग करें।
विशेषज्ञों की चेतावनी: चुप्पी से गलत संदेश जाएगा
मामले पर टिप्पणी करते हुए कई विदेश नीति विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि अमेरिका इस घटना पर भी मौन साधे रखता है, तो यह एक खतरनाक संदेश होगा कि फिलिस्तीनी मूल के अमेरिकी नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं है।