What is Brigade 313: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई के बाद भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनियाभर के देशों में भेजा, ताकि वह आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में वैश्विक समुदाय को अवगत करवा सके और उनका समर्थन प्राप्त कर सके। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी इसी रणनीति की नकल करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और ब्रुसेल्स में अपना पक्ष रखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है।
पाकिस्तान की सीनेटर ने दिया विवादास्पद बयान- What is Brigade 313
पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुईं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की वरिष्ठ नेता और सीनेटर शेरी रहमान ने ब्रिटेन के प्रसिद्ध स्काई न्यूज चैनल के एंकर याल्दा हकीम को एक इंटरव्यू दिया। इस लाइव शो के दौरान जब हकीम ने रहमान से आतंकवाद पर सवाल पूछा, विशेष रूप से ब्रिगेड 313 के संदर्भ में, तो रहमान बौखला उठीं। उन्होंने एंकर पर भारत की भाषा बोलने का आरोप लगाया और अपने देश में पनप रहे आतंकवाद का बचाव करते हुए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी पर भारतीय हितों के आधार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
ब्रिगेड 313: आतंकवाद का संरक्षक समूह
ब्रिगेड 313 का नाम पाकिस्तान में आतंकवादियों के एक खतरनाक नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। टेररिज्म रिसर्च एंड एनालिसिस कंसोर्टियम (TRAC) के अनुसार, ब्रिगेड 313 अलकायदा से जुड़ा एक आतंकवादी संगठन है, जो पाकिस्तान में सक्रिय है। यह समूह पाकिस्तान में अन्य चरमपंथी और आतंकी संगठनों के लिए एक संरक्षक के रूप में कार्य करता है। ब्रिगेड 313 में तालिबान, लश्कर-ए-झांगवी और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी जैसे संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं। कई रिपोर्टों में इसे पाकिस्तान में अलकायदा का सैन्य संगठन भी बताया गया है।
ब्रिगेड 313 पाकिस्तान के अफगान-पाकिस्तान सीमा और भारत-पाक सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों की देखरेख करता है। इसका नाम ‘313’ इस्लामी प्रतीक से लिया गया है, जो बद्र की लड़ाई में मुहम्मद पैगंबर के साथ युद्ध में शामिल साथियों की संख्या को दर्शाता है।
तालिबान से भी जुड़ा है ब्रिगेड 313
ब्रिगेड 313 का तालिबान से भी गहरा संबंध है। द लॉन्ग वॉर जर्नल के अनुसार, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि यह समूह तालिबान के पाकिस्तान यूनिट से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों से भी सदस्यों की भर्ती करता है। यह समूह अलकायदा से जुड़ा हुआ होने के साथ-साथ दक्षिण एशिया में एक खतरनाक और प्रभावी आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है। इसका नेतृत्व इलियास कश्मीरी कर रहा है, जो अलकायदा के सैन्य संगठन शैडो आर्मी का प्रमुख था।
पाकिस्तान और आतंकवाद का रिश्ता
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी कई बार स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों के लिए समर्थन और सहायता प्रदान की है। उन्होंने यह भी माना कि पाकिस्तान ने पिछले तीन दशकों से पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन, के लिए गंदा काम किया है। पाकिस्तान की ओर से इस प्रकार के बयानों से यह साफ है कि देश ने आतंकवाद को अपनी नीति के रूप में अपनाया है और कई आतंकी समूहों का समर्थन किया है, जो भारत और अन्य देशों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।