Who is Jeffrey Epstein: 1950 के दशक के मध्य में न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में एक साधारण यहूदी परिवार में जन्मे एक बच्चे की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। बचपन में सीमित संसाधनों में पला बढ़ा वह बच्चा एक दिन अमेरिका के एलीट वर्ग का हिस्सा बना और उसकी जिंदगी ने ऐसी राह पकड़ी जो रहस्यमयी और विवादों से भरी हुई थी। उसका नाम था जेफ्री एपस्टीन, जो एक समय पर दुनिया के सबसे बड़े अय्याश अरबपतियों में से एक था
जेफ्री एपस्टीन का जीवन जितना साधारण था, उतनी ही रहस्यमयी और विवादित रही उसकी जवानी और मौत। एक छोटे से शहर में जन्मा, एपस्टीन में बचपन से ही एक आकर्षक दिमाग और महत्त्वाकांक्षा थी। उसकी सोच और आत्मविश्वास ने उसे बचपन में ही समाज के ऊपरी तबके के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया। वह एक अच्छा मैथ्स स्टूडेंट था और स्कूल में उसने बिना डिग्री के ही पढ़ाना शुरू कर दिया था, जो उसकी पहली बड़ी स्कैम का हिस्सा था।
अचानक सफलता और उसके बाद की काली दुनिया– Who is Jeffrey Epstein
एपस्टीन ने कभी भी अपनी ऊंचाइयों की कहानी आसानी से नहीं तय की थी। न्यूयॉर्क के एक प्रसिद्ध इन्वेस्टमेंट फर्म Bear Stearns में काम करने के बाद, उसने अपनी खुद की फाइनेंशियल फर्म शुरू की और तेजी से दौलत कमाई। इसके बाद, वह बड़े-बड़े अरबपतियों के फाइनेंशियल एडवाइजर बन गया, लेकिन असल में वह इन लोगों के पैसे को अपने शेडी डील्स के जरिए हड़पने का काम कर रहा था। बस यही से उसकी काली दुनिया की शुरुआत हुई। रहीसी और अय्याशी में डूबा जेफ्री अब नाबालिग लड़कियों का शोषण और तस्करी करने लग गया था।
गिलेन मैक्सवेल और एपस्टीन का कनेक्शन
इस बीच एपस्टीन की जिंदगी में गिलेन मैक्सवेल की एंट्री होती है, जो एक ब्रिटिश मीडिया टायकून की बेटी थी। दोनों की मुलाकात एक लग्जरी पार्टी में हुई और फिर उन्होंने मिलकर नाबालिग लड़कियों को टारगेट करना शुरू किया। मैक्सवेल का काम था इन लड़कियों को बहला-फुसलाकर एपस्टीन के आलीशान रिजॉर्ट्स और मेंशन में ले जाना और वहां उनका शोषण करना। 2019 में एक पीड़िता ने कोर्ट के सामने गवाही देते हुए बताया था कि वो (मैक्सवेल) औरत हमें ऐसे भरोसे में लेती थी, जैसे बड़ी बहन हो, लेकिन असल में वह हम लड़कियों को एक खतरनाक जाल में फंसा रही थी।
कैसे जेफ्री एपस्टीन की असली दुनिया खुली
आपको बता दें, 2018 में मियामी हेराल्ड की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर जूली के. ब्राउन ने एपस्टीन के काले कारनामों को उजागर किया। उसकी रिपोर्ट ने फिर से एपस्टीन के खिलाफ जांच को गति दी और 2019 में उसे गिरफ्तार किया गया। उसके बाद, एफबीआई ने इसकी जांच को गंभीरता से लिया और उसके अपराधों का पर्दाफाश किया। जूली के. ब्राउन की रिपोर्ट ने दुनिया को बताया कि कैसे रसूख और पैसे ने अमेरिकी न्याय व्यवस्था को प्रभावित किया और एपस्टीन को कई सालों तक बचने का मौका मिला।
एपस्टीन के कनेक्शन और उसका ब्लैक बुक
एपस्टीन के जीवन में हर जगह एक नेटवर्क था। उसकी ब्लैक बुक में बिल क्लिंटन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू तक के नाम थे। ये सब लोग एपस्टीन के अपराधों को छिपाने में साथी बने थे। एपस्टीन का कुख्यात “पेडोफाइल आइलैंड” और उसकी रंगीन पार्टियां, जहां ताकतवर लोगों के साथ नाबालिग लड़कियों का शोषण किया जाता था, वह उसकी काली दुनिया का सबसे डरावना हिस्सा था।
एपस्टीन की रहस्यमयी मौत
इसी बीच समय आया 10 अगस्त 2019 का, जब जेफ्री एपस्टीन को मेट्रोपॉलिटन करेक्शनल सेंटर में अपने सेल में मृत पाया गया। पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया, लेकिन कई सवाल थे जो अब भी अनसुलझे हैं। सबसे हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि जिस दिन जेफ्री की मौत हुई उस दिन जेल के कैमरे खराब थे, गार्ड्स सो रहे थे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी गर्दन की हड्डियों की स्थिति ने यह संदेह पैदा किया कि शायद उसे आत्महत्या नहीं बल्कि मारा गया था।
मैक्सवेल ने जेल से एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “मुझे नहीं लगता कि जेफ्री ने खुदकुशी की, उसे किसी ने मार डाला ताकि वह राज न खोल सके।” एपस्टीन की मौत और उसके अपराधों को लेकर अब भी कई सवाल उठ रहे हैं, जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं।