Zelensky Trump Meeting: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे हैं। लेकिन इस बार हालात फरवरी जैसे नहीं हैं, जब ज़ेलेंस्की को अमेरिकी धरती पर ही शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में उस दिन की घटना को आज भी बेइज्जती की मिसाल के तौर पर याद किया जाता है।
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फरवरी 2025 की घटना की गूंज अब तक बाकी- Zelensky Trump Meeting
28 फरवरी का वह दिन अब भी दुनिया के सामने ताज़ा है, जब ज़ेलेंस्की को व्हाइट हाउस में न सिर्फ फटकारा गया, बल्कि बैठक के ठीक बाद उन्हें तुरंत बाहर निकल जाने को कहा गया। ट्रंप ने उनके पहनावे, बातचीत और कूटनीतिक रुख पर तंज कसते हुए यहां तक कह दिया था कि, “यह एक अच्छा टीवी शो बनेगा।”
अब ज़ेलेंस्की दोबारा व्हाइट हाउस पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार अकेले नहीं। उनके साथ यूरोप के कई बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे—क्योंकि इस बार वो सिर्फ यूक्रेन के नहीं, यूरोपीय एकजुटता के प्रतीक बनकर ट्रंप से बातचीत करने जा रहे हैं।
क्यों हो रही है ये मुलाकात?
ये बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में हुई शिखर बैठक के कुछ दिन बाद हो रही है। ज़ेलेंस्की का मकसद ट्रंप से सीधे यह जानना है कि अमेरिका रूस के साथ क्या डील कर रहा है, खासकर तब जब रूस ने युद्ध खत्म करने के बदले डोनेत्स्क और लुहांस्क पर अधिकार की मांग रखी है।
इससे पहले ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की और अन्य यूरोपीय नेताओं से वीडियो कॉल के जरिए रणनीति बनाई।
कौन-कौन शामिल है ज़ेलेंस्की के साथ?
इस बार ज़ेलेंस्की के साथ एक मज़बूत यूरोपीय टीम व्हाइट हाउस पहुंची है।
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर
- जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
- इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी
- फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब
- यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन
- और नाटो महासचिव मार्क रूटे
इन सभी नेताओं की मौजूदगी से यह साफ संदेश देने की कोशिश हो रही है कि यूरोप ज़ेलेंस्की के साथ एकजुट है और किसी भी तरह के दबाव के खिलाफ खड़ा रहेगा।
यूरोप को क्यों है ट्रंप से डर?
संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के पूर्व सैन्य मिशन प्रमुख, जनरल डोमिनिक ट्रिनक्वांड ने स्काई न्यूज से बातचीत में बताया कि यूरोपीय नेता इस बार इसलिए साथ गए हैं क्योंकि उन्हें डर है कि ट्रंप कहीं फिर से ज़ेलेंस्की को नीचा दिखाने की कोशिश न करें।
साथ ही यह भी चिंता है कि अमेरिका कहीं रूस के साथ एकतरफा समझौता न कर ले, जिसमें यूक्रेन को उसकी मर्जी के खिलाफ किसी संधि के लिए मजबूर किया जाए।
इस बार मुकाबला बराबरी का
जहां फरवरी में ज़ेलेंस्की कमजोर और अकेले नजर आए थे, वहीं इस बार उनका अंदाज़ और समर्थन दोनों अलग है। उन्होंने खुद कहा, “इस वक्त जरूरी है कि यूरोप उसी तरह एकजुट रहे जैसे 2022 में युद्ध शुरू होने पर था।”
इस बार व्हाइट हाउस में होने वाली बातचीत सिर्फ यूक्रेन और अमेरिका के बीच नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी विश्व और रूस की रणनीति के बीच की कूटनीति का केंद्र बिंदु बन चुकी है।
नज़रें टिकी हैं ओवल ऑफिस पर
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या ट्रंप इस बार अपने पुराने रवैये को दोहराएंगे, या ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ कोई संतुलित बातचीत करेंगे। एक बात तय है—इस बार ज़ेलेंस्की अकेले नहीं हैं, और उनके पीछे पूरा यूरोप खड़ा है।