इराक में मारे गए 38 भारतीयों का शव सोमवार को भारत लाया गया है। पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मारे गए 38 भारतीयों में पंजाब प्रांत के 27 लोगों के परिवार वालों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। इस मुआवजे के तौर पर उन 27 परिवारों को पांच लाख रुपये और प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी भी देने का वादा किया है। इसके अलावा सिद्धू ने पेशन के तौर पर हर परिवार को 20,000 रुपये देने का भी वादा किया है।
Subscribe our Youtube Channel: Click Here
गौरतलब है कि इन शवों को लाने के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह विशेष विमान से इराक गए हुए थे। जानकारी के मुताबिक, इराक द्वारा 38 भारतीयों के शवों को वीके सिंह को सौंप दिया गया था, जबकि 39वें शव का डीएनए मैच नहीं हो पाया, जिस कारण 38 भारतीयों का शव ही भारत लाया जा सका।
वीके सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इराक से एक वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें उन्होंने भावुकता के साथ लिखा था “कुछ ज़िम्मेदारियों का बोझ काफी ज्यादा होता है”।
इस दौरान विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने बताया कि मारे गए लोगों के डीएनए मैच करना काफी मुश्किल हो गया था। उन्होंने बताया कि इन सभी 40 भारतीयों का इराक में कोई भी रिकॉर्ड नहीं था। जिस वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। वीके सिंह ने भारतीय के शव का पता लगाने में इराक की सरकार के द्वारा की गई मदद के लिए भी उनका शुक्रिया अदा किया है।
बता दें कि इससे पहले इराक में लापता हुए 39 भारतीयों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि इराक के मोसुल में साल 2014 में लापता हुए सभी 39 भारतीय मारे गए हैं। आईएसआईएस ने उनकी हत्या की है। सुषमा स्वराज ने संसद में बयान देते हुए बताया था कि आतंकी संगठन आईएसआईएस ने सभी भारतीयों की हत्या कर दी है। उनके शवों को पहाड़ खोदकर निकाला गया और डीएनए सैंपल से मिलान किया गया। जांच में 38 लोगों का डीएनए सैंपल मैच हो गया, जबकि एक शव को लेकर अभी संशय है। विदेश मंत्री ने आगे बताते हुए कहा था कि मारे गए 39 भारतीयों में 31 लोग पंजाब के रहने वाले थे। उनके पार्थिव शरीर को इराक से भारत लाने के बाद राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।
वहीं आईएसआईएस द्वारा मारे गये भारतीयों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय के खिलाफ नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया है कि सरकार हमें सिर्फ गुमराह कर रही थी, जबकि सरकार को हत्या के बारे में पहले ही पता चल चुका था। परिजनों के मुताबिक, इराक में फॉरेंसिक जांच में बताया गया कि इन सभी की हत्या एक साल पहले हुई थी। इन सभी भारतीयों के शव को पहाड़ी में दफनाया गया था, जिसके बाद डीएनए टेस्ट किया गया, जिसमें इन सभी के भारतीयों होने की पुष्टि हुई थी।