नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल करने वाली जिमनास्ट दीपा कर्माकर अपने घुटने की सर्जरी से उबरने के बाद रिहैबिलिटेशन के दौर से गुजर रही हैं और इस साल अक्टूबर में मांट्रियल में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
बता दें कि दीपा की अप्रैल के शुरूआत में मुंबई में घुटने की सर्जरी हुई थी जिसके कारण वो मई में एशियाई चैंपियनशिप से भी दूर रही थीं और अब मांट्रियल में 2 से 8 अक्टूबर तक होने वाली विश्व चैंपियनशिप से भी दूर रहेंगी। दीपा और उनके कोच बिसेश्वर नंदी ने गुरूवार को टाटा टी के ‘अलार्म बजने से पहले जागो रे’ अभियान को लांच करते हुए कहा कि वो अभी छह महीने तक मैदान से बाहर रहेंगी। हालांकि इस दौरान उनका रिहैबिलिटेशन चलता रहेगा।
दीपा के कोच बिसेश्वर नंदी ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप दो अक्टूबर से होनी है उस समय तक दीपा फिट हो जाएंगी लेकिन इतनी फिट नहीं होंगी कि विश्व चैंपियनशिप की कड़ी प्रतिस्पर्धा में उतर सकें। हम केवल उन्हें भाग लेने के लिए नहीं उतारना चाहते। जब वो पूरी तरह खेलने के लिए फिट होंगी तभी उन्हें उतारा जायेगा।
दीपा को पूरी तरह फिट होने में लगेगा समय
उन्होंने कहा कि हम 2018 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों को लेकर दीपा की तैयारियां कराएंगे। उन्हें इन दोनों खेलों से पहले खुद को तैयार करने से पहले छह सात महीने का पूरा समय मिलेगा। अभी वो आसानी से चल फिर रही हैं और उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
वहीं दीपा ने भी कहा कि मैं छह महीने बाद ही स्टेडियम में उतर पाऊंगी। फिलहाल मैंने रनिंग और जॉगिंग शुरू कर दी है लेकिन पूरी फिटनेस में आने में अभी समय लगेगा। मेरा लक्ष्य 2018 की विश्व चैंपियनशिप है। गौरतलब है कि विश्व चैंपियनशिप से ही ओलंपिक का टिकट मिलता है।
दीपा जैसा बनना चाहते हैं बच्चे
दीपा ने साथ ही कहा कि आईजी स्टेडियम में हमारा राष्ट्रीय शिविर चल रहा है। वहां कई बच्चे जिमनास्टिक सीखते हैं और उनका कहना है कि वो दीपा जैसा बनना चाहते हैं और देश के लिए ओलंपिक पदक जीतना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ओलंपिक भागीदारी की बात की जाती थी लेकिन अब ओलंपिक में पदक जीतने की बात की जाती है।
कोच बिसेश्वर नंदी ने भी कहा कि राष्ट्रीय शिविर में इस समय दीपा सहित 16 लड़कियां और 15 लड़के हिस्सा ले रहे हैं जिनमें काफी प्रतिभा है। ये खिलाड़ी 2020 और 2024 ओलंपिक के लिए तैयार किए जा रहे हैं।