नई दिल्ली। कोलकाता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सीएस कर्णन की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है और उन्हें जेल में रहना ही पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जमानत देने या सजा निलंबित करने से साफ़ इंकार कर दिया है। कोर्ट की दो जजों की बेंच ने कहा कि सात जजों की संविधान पीठ ने उन्हें छह महीने की सजा सुनाई है ऐसे में ये बेंच उस आदेश पर कोई सुनवाई नहीं कर सकती। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी न्यायिक अनुशासन के तहत काम कर सकता है। अगर कोई भी राहत लेनी है तो चीफ जस्टिस के सामने केस रखना होगा।
मंगलवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार
बता दें कि अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट से छह महीने की सजा के बाद फरार चल रहे कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जज सीएस कर्णन को मंगलवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया । पश्चिम बंगाल सीआईडी के एक अफसर ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले पुलिस और कर्णन में बहस भी हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ 9 मई को 6 महीने जेल की सजा सुनाई थी लेकिन अगले दिन जैसी ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची तब से कर्णन का कोई भी अता-पता नहीं था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कर्णन की ओर से वकील ने कहा कि मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में न तो उनकी ओर से जिरह हुई न ही सुनवाई हुई, इसलिए फिलहाल सुप्रीम कोर्ट उन्हें जमानत दें या सजा को निलंबित कर दें।
जानें क्या है पूरा मामला?
- जस्टिस कर्णन कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायाधीश हैं और बीते जनवरी से लगातार विवादों में हैं।
- मद्रास हाईकोर्ट में जज बनने से लेकर कोलकाता हाई कोर्ट में तबादले तक वो कई बार दलित होने के कारण भेदभाव का शिकार होने की शिकायत कर चुके हैं।
- इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट के जजों पर आरोप लगा चुके हैं।
- उन्होंने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के 20 वर्तमान और रिटायर्ड जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया था।
- इसके बाद उन्होंने सीबीआई को इस शिकायत की जांच करने का आदेश दिया था।