नई दिल्ली: गुड गवर्नेंस के मामले में केरल लगातार तीसरे साल टॉप पर रहा। जी हां राज्यों की शासन-व्यवस्था के मामले में केरल देश में अव्वल है। थिंक टैंक पब्लिक अफेयर सेंटर यानी पीएसी द्वारा जारी सार्वजनिक मामलों के सूचकांक-2018 यानी पीएआई के जरिए यह बात कही गयी है।
आपको बता दें कि बीते शनिवार को पीएसी ने अपनी रिपोर्ट जारी की। जिसमें कहा गया कि साल 2018 के पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स में केरल लगातार तीसरे साल पहले पायदान पर है। तो वहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिहार इस सूची में सबसे निचले पायदान पर है। यह सूचकांक वर्ष 2016 से राज्यों की शासन व्यवस्था पर सालाना आधार पर जारी हो रहा है।
इस रिपोर्ट में राज्यों के सामाजिक और आर्थिक विकास के आंकड़ों के आधार पर शासन-व्यवस्था के प्रदर्शन की रैंकिंग की जाती है। आर्थिक आजादी के मामले में गुजरात का पहले स्थान पर है। कर्नाटक ‘पारदर्शिता और जवाबदेही’ की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य है। सूची में केरल के बाद दूसरे, तीसरे, चौथे और 5वें स्थान पर लगातार तमिलनाडु, तेलंगाना, कनार्टक और गुजरात हैं। अगर लॉ एंड ऑर्डर की बात करें तो इस मामले में हरियाणा सबसे निचले पायदान पर है।
पीएआई में मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार निचले स्तर पर हैं। इन राज्यों की सामाजिक व आर्थिक असमानता बेहद दी दयनीय स्थिति में है। अगर छोटे राज्यों की शासन व्यवस्था की बात करें तो पीएसी की लिस्ट में पहाड़ी प्रदेश हिमाचल पहले स्थान पर है। उसके बाद गोवा, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा का नंबर गुड गवर्नेंस के मामले में आता है।
पीएसी के चेयरमैन के. कस्तूरीरंगन ने कहा कि युवाओं की बढ़ती आबादी वाले देश के रूप में भारत को अपनी विकासपरक चुनौतियों का आकलन करने और उनका समाधान करने की जरूरत है।