इस्लामाबाद। आतंकी हाफिज सईद को लेकर लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। पाकिस्तान सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार हाफिज सईद का ‘उत्पीड़न’ न करे और उसे समाज के कल्याणकारी कार्यों को जारी रखने की अनुमति दे।
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लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस अमीनुद्दीन खान ने हाफिज सईद की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पाक सरकार को फटकार लगाई, जिसमें पाकिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर ने आतंकवाद विरोधी (संशोधन) अध्यादेश-2018 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया था। उस नोटिफिकेशन में आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के सभी बैंक अकाउंट्स को फ्रीज करने और संगठन की सभी संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश दिया था।
सरकार के इस निर्देश के बाद हाफिज सईद बौखला गया था, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका दायर की। याचिका में कहा गया था कि पाकिस्तानी सरकार, भारत और अमेरिका के दबाव में आकर उसकी पार्टी की सामाजिक कल्याणकारी गतिविधियों में दखलंदाजी कर रही है। साथ ही उसने याचिका में ये भी कहा था कि किसी पार्टी या संगठन को समाज कल्याणकारी कार्य करने से वंचित करना संविधान के खिलाफ है।
बता दें कि हाल ही में अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाफिज सईद को आतंकी घोषित किया था। साथ ही अमेरिका ने हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को भी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इसके अलावा अमेरिका ने मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) के सात सदस्यों को भी विदेशी आतंकवादियों के रूप में नामित किया है, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते हैं और राजनीतिक पार्टी की आड़ में पाकिस्तान की राजनीति में प्रवेश कर दुनिया को खोखला बनाने की फिराक में हैं।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कुल 139 पाकिस्तानी आतंकियों की एक सूची जारी की थी। इस लिस्ट में भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आतंकियों की इस लिस्ट में पहले नंबर पर अलकायदा चीफ अयमन अल जवाहिरी है। मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद साल 2011 में जवाहिरी को अलकायदा का नया चीफ बनाया गया था। इस आतंकी पर 110 करोड़ का इनाम घोषित किया गया है।